प्रतिभा तो बहुत थी..लेकिन फंड के अभाव में टूट गया खिलाड़ियों का सपना

अम्बिकापुर. जिले मे खेल और खिलाडियों से धोखा करने का बडा मामला सामने आया है. जिससे कई स्कूली खेल के खिलाडी बच्चे इस बार 19वी राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता मे हिस्सा नहीं ले पाए.. हैरानी की बात है कि जिन पांच से अधिक खेलो के खिलाडी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मे भाग नहीं ले सके हैं. उनमे से कई खिलाडी पिछले वर्षो मे उस खेल मे मेडल जीतकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता मे प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. इस मामले को लेकर जिम्मेदार मंत्री की जुबान लडखडा रही है. तो अधिकारी फंड का रोना रो रहें हैं..

ऐसी क्या समृद्धि.. ऐसा क्यो विकास, जब छत्तीसगढ प्रदेश के बच्चों की प्रतिभा को दबा दिया जाए.. गढबो नवा छत्तीसगढ की रट लगाते लगाते एक साल बीत गया. लेकिन खेल विकास के लिए सरकार ने कोई भी सार्थक पहल नही की. पहल तो दूर फंड के आभाव मे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मे बच्चे अपनी प्रतिभा को भी नही दिखा पा रहे हैं. दरअसल पूरा मामला पिछले दिनो प्रदेश के अलग अलग जगहो मे आयोजित हुई..19वी राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता का है. जिसमे कई खेलो के बच्चे फंड के आभाव मे राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मे शामिल नही हो पाए.

जानकारी के मुताबिक़, इसके लिए सरगुजा के शिक्षा अधिकारी ने जिले के सीतापुर विधायक और प्रदेश के उर्जावान मंत्री अमरजीत भगत से भी संपर्क किया था. लिहाजा अम्बिकापुर मे आय़ोजित एक खेल सामारोह के दौरान ये सवाल उनसे भी किया गया..तो उन्होने इसके लिए अधिकारियो को लापरवाह बता कर अपना पल्ला झाड़ लिए..

अविभाजित सरगुजा जिले से एक नही, दो नही, तीन तीन मंत्री हैं. इसलिए खिलाडियो की बेहतरी की जिम्मेदारी उनको लेनी चाहिए और जब बात फंड की कमी से बच्चो के भविष्य मे अधर मे लटक जाए.. तो इन मंत्रियो से सवाल भी बनता है.. लेकिन ये लोग अपनी साख बचाने अधिकारियों को दोषी बता रहे हैं..लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी आईपी गुप्ता ने तो साफ कर दिया कि खेल के लिए इस साल बजट नहीं था..

गौरतलब है कि 19वी राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता के तहत बलौदाबाजार मे आयोजित टेबलसॉकर-साफ्टबॉल-नेटबॉल , डोंगरगढ मे आयोजित यंगमोडो-बेसबॉल, मुंगेली मे आयोजित सिलमबम-आर्म रेसलिंग-टेनिस क्रिकेट, कोरबा मे आय़ोजित नेट बॉल, धमतरी मे सुपर सेवन क्रिकेट और राजधानी रायपुर मे आयोजित साफ्ट टेनिस जैसे खेलो के अलावा कई खेलों के स्कूली खिलाडी स्टेट लेबल टूर्नामेंट नहीं खेल पाए हैं.