सूरजपुर : फ़सल किसी और की थी,बेच किसी और ने दी… बेचने की मियाद हो गयी ख़त्म.. अब कागज़ी कार्रवाई से क्या होगा साहब!

सूरजपुर। प्रदेश में जब से धान ख़रीदी की शुरुआत हुई, तब से धान पर जमकर सियासत हुई। एक तरफ़ विपक्ष धान ख़रीदी में किसानों को हो रही समस्याओं को लेकर सड़क पर उतर आयी, तो सत्ता पक्ष ने रिकॉर्ड धान खरीदी बताकर विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। लेकिन सरगुज़ा संभाग में ऐसे कुछ मामले सामने आए है, जो सरकार के रिकॉर्ड धान खरीदी के जवाब पर दाग लगाती है। ताजा मामला सूरजपुर के जयनगर धान खरीदी केंद्र का है। जहां एक किसान 15 दिन से धान बेचने के लिए समिति में टोकन के लिए चक्कर लगाता रहा, लेकिन किसान को ना टोकन मिली ना धान बिकी, और धान ख़रीदी की मियाद पूरी हो गयी।

दरअसल, मामला जयनगर थाना इलाक़े के तेलईकछार का है। जहाँ के किसान सुरेश कुमार गुप्ता ने जयनगर समिति के प्रबंधक श्याम लाल प्रजापति के ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री, कलेक्टर, एसडीएम और थाने में शिकायत की है। किसान ने बताया की वह अपने 38 क्विंटल धान को बेचने के लिए पिछले 15 दिनों से टोकन कटाने के लिए जयनगर समिति जा रहा था। वहां प्रबंधक के द्वारा रोज टाल-मटोल कर वापस कर दिया जाता था। किसान के मुताबिक़ उसके द्वारा कलेक्टर के पास शिकायत कहे जाने की बात कहने पर समिति प्रबंधक श्याम लाल प्रजापति के द्वारा बोला गया कि आपके खाते में मेरे द्वारा धान बेच दिया गया है, अब आपका धान बिक्री का टोकन नही कटेगा और आपको जो करना है जहां शिकायत करना है कर लो, मेरा ऊपर तक सेटिंग है। मेरा कोई कुछ नही कर सकता, सब का कमीशन बंधा हुआ है।

पीड़ित किसान का कहना है कि उसके द्वारा जब समिति प्रबंधक को कहा गया कि उसके जानकारी के बगैर ऐसा क्यों किया, तो किसान के साथ अभद्र व्यवहार करके सोसायटी से भगा दिया गया। हालाँकि अब किसान ने समिति प्रबंधक के द्वारा किये इस फर्जीवाड़े की शिकायत कलेक्टर, एसडीएम और पुलिस थाना में की है, और समिति प्रबंधक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है।

आवेदन पर जांच कर रहे है। समिति प्रबंधक को नोटिस दिया गया है। जैसे तथ्य सामने आएंगे, कार्रवाई की जाएगी।

दीपक पासवान, थाना प्रभारी, जयनगर

सुरेश कुमार गुप्ता के पुत्र ने फ़ोन कर मुझे जानकारी दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार और खाद्य अधिकारियों को जाँच कर प्रतिवेदन देने के लिए कहा गया है। जांच के उपरांत अगर पाया जाता है कि कोचियों का धान खपाया गया है और किसान का धान नहीं खपाया गया। तो धान खरीदी को लेकर शासन के स्पष्ट गाइडलाइन के तहत और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

पुष्पेंद्र शर्मा, एसडीएम, सूरजपुर

फ़िलहाल संभावना जतायी जा रही है कि समिति प्रबंधक ने किसी व्यापारी से सांठगांठ कर किसान के खाते में धान खपा दी है। जबकि किसान धान बेचने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहा है और इसी वजह से किसान ने कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी से समिति प्रबंधक के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है।