TB patient: टीबी रोग से निजात पाकर टीबी पेशेंट बने चैम्पियन

सूरजपुर. TB patient: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने की दृष्टि से जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र सूरजपुर और पिरामल स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ के द्वारा विभिन्न प्रकार के गतिविधियों के माध्यम से टीबी मुक्त पंचायत बनाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। जिला कलेक्टर रोहित व्यास का दिशा-निर्देशन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस सिंह, पिरामल फाऊंडेशन छत्तीसगढ़ के राज्य अधिकारी डॉ फैजल रजा खान जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ सरौता के मार्गदर्शन में सूरजपुर को टीबी मुक्त जिला बनाने की रणनीति के तहत हर सेक्टर से दो-दो क्योर टीबी पेसेंटों का चयन कर टीबी चौम्पियन के रूप में चिह्नित किया गया। और उन चिन्हित व्यक्तियों का प्रशिक्षण जिला स्तर पर किया गया। अब ये टीबी चौम्पियन स्वयं सेवक के रूप में सेवा देकर टीबी मुक्त समाज के निर्माण में मदद करेंगे।

सेन्ट्रल टीबी डिवीजन के गाईडलाइन के अनुसार हर एक एचडब्ल्यूसी आयुष्मान भारत केन्द्र में दो टीबी चौम्पियन बनाने का है। पिरामल स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ भी इस दिशा में विभाग को मदद कर रहा। इसी क्रम में पिरामल स्वास्थ्य के मदद से सूरजपुर जिला में टीबी चॅम्पियन का ट्रेनिंग राज्य अधिकारी फैजल रजा खान की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। फैजल ने कहा की भारतवर्ष को टीबी मुक्त देश बनाने की परिकल्पना को साकार बनाने में ये टीबी चॅम्पियन का अहम भूमिका होगी। ये जब समाज में बतायेंगे कि मुझे टीबी हुआ था। मैं दवा खाया और आपके समक्ष भला-चंगा हुं तो इसका प्रभाव सीधे जनता में समाहित होगा लोग अंगीकार करेंगे जिससे टीबी मुक्त पंचायत की परिकल्पना साकार होगी।

जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ सरौता ने कहा कि मैं सभी टीबी चौम्पियन को अपने विभाग के ओर से आईकार्ड दुंगा वो स्वास्थ्य विभाग का अंग बन कर समाज के लिए कार्य करेंगे। संजीत कुमार डीपीसी ने टीबी चॅम्पियन का मनोबल बढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, रणनीति और क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया। पिरामल स्वास्थ्य के जिला कार्यक्रम अधिकारी आशीष गुप्ता के अथक परिश्रम का परिणाम था कि जिला के सभी ब्लाकों से टीबी चौम्पियन सहभागी हुये। अपने उद्बोधन में आशीष ने कहा की व्यक्ति और व्यक्तित्व की पहचान उसके दक्षता से होती है समाज जानता है कि किसी व्यक्ति में कौन सी काबिलियत है समय पड़ने पर उसी व्यक्ति के घर का दरवाजा खटखटाता है जहां से उसे मदद मिल सके पर हमें अपनी दक्षता के विषय में समाज को बताना पड़ेगा। कार्यक्रम संचालन जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी ने किया। प्रशिक्षण को रोचक बनाने में उनकी भूमिका अहम रही।

श्री द्विवेदी ने कहा कि व्यक्ति की दक्षता और निपूर्णता जब समाज को समर्पित हो जाता है तो वह व्यक्ति अपने लिए नहीं जीवन जीता है, उसकी गतिविधियां समाज के भलाई के लिए होती हैं। कुछ ऐसा ही कार्य टीबी चॅम्पियन करेंगे जिसको समाज याद रखेगा। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी टीबी चौम्पियन को प्रमाणपत्र दिया गया। कार्यक्रम में समाजसेवी प्रफुल्ल चौबे, निलेश दुबे, चित्रा राजवाड़े, तेजू सिंह, विनोद कुमार, दसरथ, प्रियंका मानिकपुरी, महेन्द्र कुशवाहा, सीताराम सिंह, दसरथ सिंह शिव कुमार आदि उपस्थित रहे।