एड्स से सरगुजा संभाग में 887 पीड़ित 78 मौतों का खुलासा..

शासन की बेरुखी से कर्मचारी नाखुस, नियंत्रण व जागरूकता कार्यक्रम भी रुका

अम्बिकापुर दीपक सराठे 

सरगुजा संभाग सहित प्रदेश में भयावह होते एच आई व्ही एड्स पीडितो के आंकड़ो के बाद भी शासन की गंभीरता इस मसले पर कही भी दिखाई नहीं दे रही है। शासन की बेरुखी व बजट का रोना धरातल पर एड्स नियंत्रण करने वाले प्रदेश के लगभग 250 से ज्यादा कर्मचारियों के लिए परेसानी का सबब बना हुआ है। छ.ग.एड्स नियंत्रण समिति के कर्मचारी जहां एक ओर अपने अस्तित्व के उहापोह में है वही सरगुजा संभाग में एड्स जैसी गंभीर बीमारी को लेकर जागरूकता के कार्यक्रम पूरी तरह से ठन्डे पड़ चुके है। पिछले वर्ष विश्व एड्स दिवस पर सरगुजा में स्वास्थ विभाग एक अदद जागरूकता रैली तक फंड नहीं आने के कारण निकाल सका था।

सरगुजा संभाग में तेजी से फैलती एड्स जैसी गंभीर बीमारी की स्थित का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की वर्तमान में उससे ग्रसित लोगो की संख्या 887 हो चुकी है। वही वर्ष 2011 से अब तक संभाग में 78 एड्स पीड़ित अपनी जान गवां चुके है। संभाग के एकलौते ए.आर.टी.सेंटर का यह दस्तावेजी आंकड़ा है जबकी यह विभाग बखूबी जानता है की इससे विपरीत सरगुजा संभाग में ना सिर्फ एड्स पीडितो की संख्या और ज्यादा है बल्की कही ज्यादा लोगो की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। सरगुजा सहित पूरे प्रदेश में तेजी से अपना पैर पसारती इस बीमारी को लेकर शासन में बैठे लोगो ने कोई मंथन नहीं किया है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की एड्स को लेकर किये जा रहे विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम अब पूरी तरह से यहाँ शिथिल हो चुके है। छतीसगढ एड्स नियंत्रण समिति के तहत पूरे प्रदेश में एच आई वी एड्स की रोकथाम व जागरूकता फ़ैलाने के लिए काउंसलर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, डाटा मैनेजर, एस.टी.आई., ब्लड बैंक कर्मचारी मिलाकर लगभग 250 से ज्यादा कर्मचारी काम करते है। न्यूनतम वेतन में काम करने वाले इन कर्मचारियों का काम कितना खतरनाक है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता।  काम के दौरान अगर कोई संक्रमण इन्हें हो जाए या फिर कोई दुर्घटना हो तो शासन स्तर पर उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। दूसरे प्रदेशो में लागू हो चुकी कर्मचारियों की पी एफ काटने की योजना से छ.ग.में कार्यरत इस विभाग के कर्मचारी अभी भी अछूते है। पिछले तीन साल से इन्हें कोई इन्क्रीमेंट तक नहीं दिया गया है। कर्मचारी नियमित तक नहीं किये गए है। ऐसी कई मांगो को लेकर छ.ग. के कर्मचारी 30 जून को मुख्यमंत्री जन दर्शन में पहुचे थे और मुख्य मंत्री को अपनी व्यथा बताई थी। आलम यह है की आज तक उनकी मांगो पर कोई विचार शासन ने नहीं किया है। जानकारी के अनुसार नेशनल एड्स कंट्रोल सोसायटी दिल्ली से इन कर्मचारियों का पी एफ काटने का आदेश पत्र छ.ग.एड्स नियंत्रण  समित तक आ चुका है परन्तु ना जाने क्यों अभी तक इस योजना से कर्मचारी वंचित है। नाइको से फंड आने के बाद भी उसे शासन स्तर पर प्रदाय नहीं किये जाने से कर्मचारी निराश है व एड्स नियंत्रण कार्यक्रम का पूरी तरह से भट्ठा बैठा हुआ है।

संजय तिवारी.. अध्यक्ष छ.ग.राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ

छ.ग.राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय तिवारी ने इस सम्बन्ध में कहा की सभी कर्मचारी तीन साल से अपनी मांगो को लेकर संघर्ष कर रहे है। इन्क्रीमेंट को लेकर एक दिन पहले परियोजना संचालक ने कुछ स्वीकृति दी है परन्तु वह ग्रेडिंग बेस पर नहीं किया गया है। सभी कर्मचारियों को सामान इन्क्रीमेंट मिलना चाहिए। अभी तक कर्मचारी बीमा स्वीकृत नहीं हुआ है और नियमिति करण की प्रक्रिया भी रुकी हुई है।

टी.एस.सिंह देव.. छ.ग.विधानसभा नेता प्रतिपक्ष

छ.ग.विधानसभा नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंह देव ने इस मामले में कहा की एड्स की बढ़ती संख्या गंभीर बात है। कर्मचारियों की मांग को लेकर वे शासन स्तर पर चर्चा करेंगे। कर्मचारियों ने जिन मांगो को लेकर मुख्य मंत्री जन दर्शन में ज्ञापन सौंपा था उसे संज्ञान में लिया जाएगा।