बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार).छत्तीसगढ़ से झारखण्ड को जोड़ने वाली कनहर नदी के पुल पर बनाये गए आबकारी जांच नाके पर खुलेआम आम नियमो को ताक में रखकर पैसे उगाही का मामला सामने आया है..और इस मामले के सामने आने के बाद विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों ने चुप्पी साध ली है..
दरअसल छत्तीसगढ़ के अंतिम पड़ाव पर स्थित बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में आबकारी जांच नाके की स्थापना की गई थी..और वह इसलिए की गई थी..की झारखण्ड से शराब लाकर जिले में खपाने वाले लोगो पर लगाम लगाई जा सके..इसके लिए ..बाकायदा विभाग ने जांच नाके में एक आबकारी हवलदार,एक आबकारी आरक्षक समेत क्षेत्रीय विधायक बृहस्पत सिंह के अनुशंसा पर कुछ लोगो अस्थायी तौर पर नौकरी में रखा है..लेकिन अब यही आबकारी जांच नाका कमाई का जरिया बनकर रह गया है..
बता दे कि आज दोपहर आबकारी जांच नाके पर झारखण्ड के गोदरमाना से आ रही ..एक चार पहिया वाहन को रुकवाया था..और तलाशी के दौरान चार पहिया वाहन से झारखण्ड से लायी गयी..2 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद की गई थी..जिसके बाद आबकारी जांच नाके पर मौजूद कर्मचारियों ने वाहन चालक से कार्यवाही नही करने के एवज में 10 हजार रुपयों की मांग की..और चार पहिया के वाहन चालक से 5000 रुपये की लेकर उसे छोड़ दिया..हालांकि जांच बेरियर में हुई .घटनाक्रम के सम्बंध में जिला आबकारी अधिकारी आलेख सिदार समेत जिम्मेदार अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की गई..लेकिन आबकारी विभाग ने मौन धारण कर लिया है..जो समझ से परे है..
वही जानकर सूत्र बताते है..की जिस आबकारी हवलदार की तैनाती जांच नाके में की गई है..वह खुद हफ्ते में 2दिन ही जांच नाके पर अपनी सेवाएं देते है..जिससे यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है..की जांच नाके में किस तरह से जांच की जाती है..