सड़कों पर गड्ढे दिखे तो अधिकारियों की खैर नहीं: लोक निर्माण मंत्री ने दी चेतावनी

श्री राजेश मूणत 24 जनवरी को रायपुर और 28-29 जनवरी को सरगुजा संभागों में करेंगे सड़कों का निरीक्षण

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक कार्यपालन अभियंता सहित एक अनुविभागीय अधिकारी और एक उप-अभियंता के निलम्बन का आदेश

नक्सल हिंसा पीड़ित बस्तर संभाग में लोक निर्माण मंत्री का तूफानी दौरा

रायपुर

लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत ने आज यहां बताया कि वे इस महीने की 24 तारीख को रायपुर राजस्व संभाग और 28 तथा 29 जनवरी को सरगुजा राजस्व संभाग का सघन दौरा करेंगे और सड़कों, पुल-पुलियों तथा विभागीय निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर दोनों संभागीय मुख्यालयों में अपने विभाग से संबंधित जिला स्तरीय और संभाग स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेंगे। श्री मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश की सुगम और सुरक्षित यातायात के लिए प्रदेश की सड़कों को और ज्यादा बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। श्री मूणत ने बताया कि उन्होंने सभी जिलों में लोक निर्माण विभाग के सभी श्रेणियों के अभियंताओं को अपने-अपने कार्य क्षेत्र की सड़कों के नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए हैं और इन अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कह दिया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों सहित किसी भी डामरीकृत सड़क में गड्ढे नहीं दिखने चाहिए, अन्यथा लापरवाह अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी अपूर्ण निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण कर लिया जाना चाहिए।

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राज्य के सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल और नक्सल पीड़ित इलाकों में सड़कों तथा पुल-पुलियों की हालत सुधारने के लिए लोक निर्माण विभाग ने मुस्तैदी से कदम उठाना शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत ने दो दिनों तक बस्तर संभाग में जगदलपुर से सुकमा तक तूफानी दौरा करके सड़कों की हालत देखी। उन्होंने बताया कि सुकमा में गौरव पथ और राष्ट्रीय राजमार्ग के निरीक्षण तथा विभागीय समीक्षा बैठक में गैर हाजिर रहने पर उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जगदलपुर संभाग के कार्य पालन अभियंता श्री जे.पी. तिग्गा के निलम्बन के निर्देश दिए हैं। इसी तरह बस्तर संभाग में ही उन्होंने कर्तव्य के प्रति लापरवाही के आरोप में लोक निर्माण विभाग के एक अनुविभागीय अधिकारी और एक उप अभियंता के खिलाफ भी निलम्बन की कार्रवाई का आदेश दिया है।

श्री मूणत ने प्रदेश के अंतिम छोर के जिला मुख्यालय सुकमा से दस किलोमीटर पर जिले के ग्राम रामाराम तक राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 का निरीक्षण किया और इसके निर्माण और मरम्मत से संबंधित कार्यो में अब तक हुए सभी खर्चो का हिसाब तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ और आन्ध्रप्रदेश को जोड़ने वाला यह राष्ट्रीय राजमार्ग जगदलपुर से सुकमा होते हुए लगभग छह सौ किलोमीटर विजयवाड़ा तक जाता है। श्री मूणत ने कल जगदलपुर की संभाग स्तरीय और आज सुकमा की जिला स्तरीय समीक्षा बैठकों में विभागीय अधिकारियों से दो टूक शब्दों में कहा कि निर्माण कार्यो में गुणवत्ता और समय-सीमा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता को अच्छी सड़कों के साथ बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध कराना प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी अधिकारी शासन की इस भावना को समझकर काम करें।

श्री मूणत ने आज सुकमा की राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सुकमा अनुविभाग से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी श्री एम.पी. डडसेना से कहा कि यह सारा हिसाब-किताब उन्हें जल्द उपलब्ध कराया जाए। श्री मूणत ने सुकमा में लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्यो की भी समीक्षा की और वहां बन रहे गौरव पथ का भी निरीक्षण किया। उन्होंने गौरवपथ के निर्माण की धीमी गति और कार्य की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी भी जतायी। लोक निर्माण मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निरीक्षण के दौरान और सुकमा की समीक्षा बैठक में विभाग से संबंधित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जगदलपुर संभाग के कार्यपालन अभियंता गैर-हाजिर रहने पर प्रमुख अभियंता श्री डी.के. प्रधान को संबंधित कार्य पालन अभियंता के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्माणाधीन तथा अधूरे निर्माण कार्यो को अभियान चलाकर पूर्ण करने के निर्देश दिए। श्री मूणत ने के साथ बस्तर संभाग में सड़कों के निरीक्षण और समीक्षा बैठकों में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर.पी. मण्डल भी शामिल थे।

श्री मूणत ने संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में लोक निर्माण विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण संभाग द्वारा सुकमा, कोंटा और भोपालपटनम मार्ग निर्माण के लिए दी गयी स्वीकृति के अनुरूप नियत की गयी एजेंसी के जरिए कार्य में गति नहीं लाये जाने के कारण तथा स्वीकृत कार्यों की नियमित निगरानी की जरूरत बतायी। सही ढंग से नहीं किए जाने को अत्यंत गंभीरता से लिया तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीक्षण अभियंता और कार्यपालन अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग में पूर्व नम्बर के अनुसार 4 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। बस्तर संभाग के इन राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 635.20 किलोमीटर है। अब नये नम्बर के अनुसार तीन राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-43 अब नया क्रमांक-30 हो गया है, जो रायपुर, जगदलपुर, केशलूर, सुकमा और कांेटा है। जिसकी कुल लम्बाई 470 किलोमीटर है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-16 अब नया राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-63 हो गया है, जो निजामाबाद, चांदा, भोपालपटनम और जगदलपुर से होकर गुजरता है। इसकी कुल लम्बाई 217 किलोमीटर है। पूर्व नम्बर के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-‘231 अब नया राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 हो गया है, जो विजयवाड़ा, कोत्थागुडेम, भद्राचलम, चिंतुर, कोंटा और केशलूर से होकर गुजरता है। इसकी कुल लम्बाई 170 किलोमीटर है। इसी प्रकार पूर्व नम्बर के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 202 अब नया राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-163 के रूप में तब्दील हो गया है। यह हैदराबाद, वारंगल, वेंकटापूरम, तारलागुड़ा और भोपालपटनम के मध्य होकर गुजरता है, जिसकी कुल लम्बाई 36 किलोमीटर है। इस प्रकार बस्तर संभाग के अंतर्गत आने वाले इन राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 635.20 किलोमीटर है। इन राष्ट्रीय राजमार्गों में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 और 63 के कामकाज की प्रगति की समीक्षा करते हुए लोक निर्माण मंत्री ने असंतोष जाहिर किया तथा संबंधितों को ’’एससीएन’’ जारी करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि जब एक साल से अधिक का समय बीत चुका है अग्रिम दिए हुए तो कार्य में प्रगति क्यों नहीं। अठारह करोड़ का अग्रिम किस आधार पर दिया गया है। यह ’’मेनडेटरी’’ नहीं है, तो फिर इतनी बड़ी राशि अग्रिम के रूप में क्यों दी गयी। बैंक गारंटी ’’सीज’’ क्यों नहीं की गयी। उन्होंने विभागीय ’’मेनुअल’’ के मुताबिक काम करने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग इस प्रदेश की जान है। इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य मार्ग के कामकाज की गहन मॉनिटरिंग जरूरी है।

 उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण, आवास एवं पर्यावरण और परिवहन मंत्री श्री राजेश मूणत 13 जनवरी से 15 जनवरी तक के तीन दिवसीय प्रवास पर बस्तर संभाग में हैं। उन्होंने 13 जनवरी को निर्धारित दौरे कार्यक्रम के मुताबिक जगदलपुर सर्किल के विभागीय अधिकारियों की बैठक ली और विभागीय कामकाज की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी को ’’मोबिलाईजेशन-एडवांस’’ के नाम से जब राशि दी जाती है,  तो
दिए गए अग्रिम के अनुरूप कार्य की पूर्णता होनी चाहिए और उसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र में ही नही, अपितु ’’फील्ड’’ में भी ऐसी प्रगति दिखनी चाहिए। श्री मूणत ने विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए बस्तर संभाग के समस्त जीर्ण-शीर्ण पुल पुलियों और उसके ’’रिटेनिंग-वॉल’’ की मरम्मत का प्रस्ताव दिए जाने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने सेतु निर्माण संभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए सेतु निर्माण संभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ऐसे पुल-पुलियों का प्रस्ताव अवश्य दें, जिससे अधिक से अधिक गांव और उनकी बसाहटें जुड़ रहीं हो। इसी प्रकार उन्होंने राज्य मार्ग में कहीं भी ऐसी जगह जहां पुल और ’’रिटेनिंग-वॉल’’ की जरूरत है, तो उसका परीक्षण कर लें और इसका प्रस्ताव दें।

बस्तर संभाग से गुजरने वाली प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-30 में अब गड्ढे नहीं दिखेंगे। प्रदेश के लोक निर्माण, आवास एवं पर्यावरण और परिवहन मंत्री श्री राजेश मूणत ने राष्ट्रीय राजमार्ग के छोटे-मोटे मरम्मत के कार्यों को करने की जरूरत पर बल देते हुए ’’एनएच’’ के कार्यपालन यंत्री को यह निर्देशित किया कि वे इसकी ’’मॉनिटरिंग’’ कर लें और संबंधित उपयंत्रियों को काम बांट दें। छोटे-मोटे गड्ढों को ठीक कर लें। उन्होंने कहा कि ’’एनएच’’ इस प्रदेश की जान है और इसके मरम्मत और रख-रखाव में कोताही न हो। श्री राजेश मूणत ने विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए अधीक्षण अभियंताओं से कहा कि वे अपने कार्यपालन अभियंताओं और सहायक अभियंताओं सहित उपयंत्रियों को काम बांट दें। यदि कोई उपयंत्री काम नहीं कर रहा है, तो उसके जवाबदार ’’एस.ई.’’ होंगे। उन्होंने कहा कि निर्माण और विकास के इस महत्वपूर्ण विभाग में सौंपे गए दायित्वों और कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं करने वाले उच्चाधिकारी सहित मैदानी अमले के अधिकारियेां, कर्मचारियों को इस ओर विशेष ध्यान देना होगा। गड़बड़ी जान बूझकर करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। बैठक में इसी अनुक्रम में भवन एवं सड़क, सेतु निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग और विद्युत यांत्रिकी संभाग के कामकाज की जानकारी लेकर उसकी समीक्षा की गयी।