राजिम कुंभ -2014 : त्रिवेणी संगम पर 14 फरवरी से 27 फरवरी तक लगेगा मेला

मेले के लिए प्रशासनिक तैयारी शुरू


धर्मस्व मंत्री श्री अग्रवाल तथा संस्कृति मंत्री श्री चन्द्राकर ने ली अधिकारियों की बैठक


इस वर्ष पिछले वर्षो से ज्यादा व्यवस्था करने के निर्देश

रायपुर, 09 जनवरी 2014

छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध तीर्थ नगरी राजिम के त्रिवेणी संगम पर इस वर्ष 14 फरवरी से 27 फरवरी तक 15 दिवसीय राजिम कुंभ मेला का आयोजन किया जाएगा। मेले के भव्य आयोजन के लिए प्रशासनिक तैयारी शुरू हो गयी है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल तथा पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष-दो में राजिम कुंभ मेले की व्यवस्थाओं से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की प्रारंभिक बैठक लेकर इस वर्ष पिछले वर्षो से अधिक व्यापक प्रबंध करने के निर्देश दिए। बैठक में राजिम विधायक श्री संतोष उपाध्याय, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव श्री आर.सी. सिन्हा, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के प्रबंध संचालक श्री संतोष मिश्रा, रायपुर कलेक्टर श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, धमतरी कलेक्टर श्री एन.एस. मण्डावी, महासमुन्द कलेक्टर श्रीमती आर. शंगीता, गरियाबंद कलेक्टर श्री हेमन्त पहारे सहित पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
धार्मिक एवं धर्मस्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि जनसहभागिता से आयोजित होने वाले राजिम कुंभ मेले की प्रसिद्धि हर साल निरन्तर बढ़ती जा रही है। आम जनता में राजिम 
कुंभ मेले की व्यापक स्वीकार्यता को देखते हुए मेला स्थल पर इस वर्ष और अधिक प्रबंध करने की जरूरत है। श्री अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ मेला भिन्न-भिन्न मतों, पंथों, समुदायों और धर्मो का प्रमुख आस्था का केन्द्र है। देश-विदेश से भी लोग मेले में आने लगे हैं। माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक लगने वाले इस मेले की किसी भी व्यवस्था में कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने रायपुर, धमतरी, महासमुन्द तथा गरियाबंद जिले के कलेक्टरों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे आपसी समन्वय के साथ मेले के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। श्री अग्रवाल ने कहा कि 10 फरवरी तक हर हाल में मेला स्थल पर सभी प्रबंध पूरे हो जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मेला स्थल पर सुरक्षा, पेयजल, चिकित्सा, प्रकाश, पार्किंग, बेरिकेटिंग तथा परिवहन आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने मेला स्थल का पूरा ले-आउट तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि ले-आउट में मेला स्थल के हर सेक्टर का उल्लेख स्पष्ट रूप से होना चाहिए। उन्होंने संगम स्थल पर बने तीनों पुलों की सड़कों के लिए जमीन अधिग्रहण करने का प्रस्ताव तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि नयापारा और राजिम के सभी मंदिरों की साफ-सफाई और रंग-रोगन किया जाए। मंदिर परिसरों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। धार्मिक न्यास मंत्री ने मेला स्थल पर साफ-सफाई विशेष नजर रखने के निर्देश देते हुए कहा कि त्रिवेणी संगम पर नदी की रेत पर बनने वाली सड़कों में बेरिकेटिंग लगायी जाए और इन सड़कों के किनारों पर सजने वाली दुकानों को सड़क से थोड़ी दूर रखने के निर्देश दिए। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि मेले में पेयजल के लिए पाइप लाइन विस्तार, नल टोटी तथा टंकी लगाने का काम नक्शा बनाकर किया जाए। मेले के दौरान चिकित्सा व्यवस्था के लिए डॉक्टरों और एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल के जवान तैनात किए जाएं। महिला सिपाहियों की भी ड्यूटी लगायी जानी चाहिए। आस-पास के गांवों के कोटवारों की मदद भी इसमें ली जा सकती है। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मेले के दौरान पॉलिथीन बैग के उपयोग को प्रतिबंधित कर दुकानदारों को सस्ती दर पर कागज के बैग उपलब्ध कराने के लिए भी कार्रवाई होनी चाहिए। श्री अग्रवाल ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक संगम में पानी का बहाव निरन्तर बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने महाशिवरात्रि पर शाही स्नान के लिए बड़े आकार का कुण्ड बनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
बैठक में शासकीय विभागों द्वारा लगायी जाने वाली प्रदर्शनी पर भी चर्चा हुई। मंत्री द्वय ने कहा कि प्रदर्शनी में चारों जिलों के विभागों की भागीदारी रहे। केवल औपचारिकता के लिए प्रदर्शनी नहीं लगानी चाहिए। श्री अग्रवाल ने अधिकारियों को प्रदर्शनी स्थल पर कृषि मेला लगाने के भी निर्देश भी दिए। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने पचकोशी धाम के पांचों धामों कुलेश्वर, कोपेश्वर, फिंगेश्वर, बम्हनेश्वर तथा चम्पेश्वर में भी मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। धार्मिक न्यास मंत्री ने राजिम के आस-पास के दो प्राकृतिक तीर्थ स्थलों घटारानी और जतमई धाम की ओर जाने वाली सड़कों में साइनेजेस लगाने के निर्देश दिए। बैठक में 20 फरवरी से 27 फरवरी तक मेला स्थल पर आयोजित संत-समागम की तैयारियों का भी चर्चा हुई। मंत्री द्वय ने कहा कि संत समागम में आने वाले साधु-संतों के आवास और भोजन के सभी प्रबंध संत समागम शुरू होने से पहले हो जाए। साधु संतों के प्रवर्चन के दौरान संत समागम स्थल पर श्रद्धालुओं की बैठक व्यवस्था सुविधाजनक होनी चाहिए। परिवहन विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया कि मेले के दौरान राजिम से रायपुर, धमतरी, गरियाबंद और फिंगेश्वर मार्ग में यात्री बसों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की जाए। हर बस में सुरक्षा के लिए होम गार्ड के जवानों की तैनाती होनी चाहिए।