अस्पताल मे बच्चा बदली को लेकर बवाल..प्रसूता ने लगाया मृत बच्चा दिए जाने का आरोप…!

पुलिस कर रही मामले की जांच 

अम्बिकापुर “दीपक सराठे”

जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज में आज बच्चा बदल जाने को लेकर प्रसूता ने बवाल खड़ा कर दिया। दरअसल  उन्हें संदेह था कि उनके स्वस्थ बच्चे को किसी और के हवाले कर दिया गया है और उन्हें मृत बच्चा थमा दिया गया है। लगभग तीन घंटे तक मणीपुर पुलिस अस्पताल में प्रसूता के इस संदेह को लेकर जांच करती रही। फिलहाल पुलिस की जांच जारी है।

जानकारी के अनुसार स्थानीय दर्रीपारा निवासी बंसलाल की 20 वर्षीय पत्नी रूपनी को 14 सितम्बर के दिन प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज के प्रसूती वार्ड में दाखिल किया गया था। रूपनी का कहना है कि उसे वह एक अन्य प्रसूता को 14 सितम्बर के दिन ही ऑपरेशन थीएटर में ले जाया गया था। वहां उसका नार्मल प्रसव हुआ। इस दौरान उसने वहां मौजूद स्टाफ नर्स से यह पूछा था कि उसका बच्चा कैसा है स्टाफ नर्स ने बताया था कि उसका बच्चा स्वस्थ है। उसके बाद उसका पति व परिवार के अन्य सदस्य दूसरी ओर व्यस्थ हो गये। रूपनी का आरोप है कि इसी दौरान उसका स्वस्थ बच्चा ऑपरेशन थीएटर में मौजूद दूसरी प्रसूता के परिजनों को दे दिया गया और उसे उस प्रसूता का मृत बच्चा थमाया गया। हालांकि उस दौरान रूपनी को इसकी जानकारी नहीं लगी थी कि उसका बच्चा मृत हो गया है। स्टाफ नर्सों ने उसके पति को बुलवाकर मृत बच्चे के शव ले जाने को कहा। परिजन रूपनी से यह बात छिपाकर रखे थे कि उसका बच्चा मृत पैदा हुआ है। घर ले जाकर कफन-दफन करने के बाद जब रूपनी को इसकी जानकारी लगी तो उसने घरवालों को बताया कि उसका बच्चा को जिंदा पैदा हुआ था। इस बात को लेकर रूपनी व परिवार के अन्य सदस्य आज मणीपुर चैकी पहुंचे और संदेह पुलिस को बताया। मामले को गंभीरता से लेते हुये मणीपुर चैकी प्रभारी सतीश सोनवानी दल बल के साथ अस्पताल पहुंचे। वहां लगभग 3 घंटे तक मामले की जांच की गई। अस्पताल में पहुंचकर प्रसूता ने जमकर बवाल किया। इस दौरान अस्पताल में भारी भीड़ जमा हो गई थी। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

ऐसा कुछ नहीं हुआ-डॉ. भजगावली

मामले में जांच के दौरान चिकित्सक डॉ. किरण भजगावली ने कहा कि 14 सितम्बर के दिन रूपनी के प्रसव के दौरान वे वहां मौजूद थी। उनके अलावा डॉ. महिमा व नर्स सिंधू भी वहां थी। 12.25 मिनट पर इसका नॉर्मल प्रसव होने के बाद बच्चा परिजनों को दे दिया गया था। बाद में दूसरी महिला का 12.45 मिनट पर प्रसव हुआ था। बच्चा बदले जाने की कोई भी घटना यहां नहीं हुई थी।