वेदांत केंद्रीयकृत रसोईघर से विद्यार्थियों के लिए मध्याह्न भोजन की आपूर्ति सरगुजा के चयनित विद्यालयों के 14,000 से अधिक बच्चों को मिल रहा भोजन

photo 23अंबिकापुर(खबरपथ) छत्तीसगढ़ राज्य के सरगुजा जिले में भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) द्वारा स्थापित राज्य के द्वितीय वेदांत केंद्रीयकृत रसोईघर से जिले के चयनित स्कूलों के 14600 विद्यार्थियों को मध्याह्न भोजन की आपूर्ति की जा रही है। सरगुजा जिला प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2013-14 के लिए मध्याह्न भोजन आपूर्ति की जिम्मेदारी स्वयंसेवी संस्था ‘रीवार्ड्स’ को दी है। स्टील के कंटेनरों में भरा मध्याह्न भोजन अनेक मिनी वैन के जरिए विद्यालयों को भेजा जा रहा है। सरगुजा के प्रबुद्ध पत्रकारों ने आज अंबिकापुर-रायगढ़ रोड पर स्थित वेदांत केंद्रीयकृत रसोईघर का अवलोकन किया। पत्रकारांे ने भोजन चखकर गुणवत्ता का जायजा लिया और स्वाद की प्रशंसा की।

 

बच्चों को मिल रहा उच्च गुणवत्ता का भोजन – ‘रीवार्ड्स’ के परियोजना निदेशक डॉ. अशरफ जमाल ने बताया कि जिला प्रशासन से मिली सूची के अनुसार विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर चयनित विद्यालयों के 14600 बच्चों को मध्याह्न भोजन की आपूर्ति की जा रही है। डॉ. जमाल ने बताया कि भोजन की तैयारी से पूर्व ‘रीवार्ड्स’ के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय परंपरा और भोजन संबंधी रूचियों की विस्तृत जानकारी ली ताकि बच्चांे को स्वादिष्ट भोजन मिल सके। भोजन की तैयारी और आपूर्ति शासकीय मानदंडों के अनुसार की जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों के लिए साप्ताहिक मेन्यू तैयार किया गया है जिसे बच्चे खूब पसंद कर रहे हैं।

 

बच्चों का स्वास्थ सर्वोपरि – बालको के सामुदायिक संबंध प्रमुख श्री बी.के. श्रीवास्तव ने बताया कि वेदांत समूह के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल अपनी कंपनियों को प्रचालन क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाओं के संचालन के लिए प्रोत्साहित करते हैं जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर में बढ़ोत्तरी की जा सके। ‘ममता परियोजना’, ‘उन्नयन’, ‘केंद्रीयकृत रसोईघर परियोजना’ आदि के माध्यम से बालको ने अपने प्रचालन क्षेत्रों में बच्चों की उत्कृष्ट शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित की है। श्री श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि सरगुजा के केंद्रीयकृत रसोईघर को शासन और प्रशासन का भरपूर प्रोत्साहन मिला है। इस रसोईघर की क्षमता एक साथ लगभग 40,000 बच्चों के लिए भोजन तैयार करने की है। स्कूल के बच्चों के लिए व्यापक स्तर पर मध्याह्न भोजन पकाने की प्रेरणा भारतीय सेना को देखकर मिली जहां सेना प्रबंधन प्रति दिन हजारों जवानों के लिए एक साथ भोजन तैयार करता है।

क्या है रीवार्ड्स – दिल्ली की स्वयंसेवी संस्था ‘रीवार्ड्स’ का पंजीयन वर्ष 2004 में हुआ। वर्ष 2005 में ‘एहसास परियोजना’ के माध्यम से कुपोषित बच्चों के लिए भोजन आपूर्ति शुरू की। वर्तमान में दिल्ली, उत्तरप्रदेश और बिहार के लगभग 1,50,000 बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की आपूर्ति की जा रही है। अंबिकापुर तथा कोरबा में वेदांत केंद्रीयकृत रसोईघर का भी संचालन ‘रीवार्ड्स’ द्वारा किया जा रहा है।

वेदांत केंद्रीयकृत रसोईघर पर एक नजर – सरगुजा जिले में हाइटेक केंद्रीयकृत रसोईघर की स्थापना के लिए बालको प्रबंधन ने एकमुश्त लगभग 1.65 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रारूप के तहत जिला प्रशासन की देखरेख में वर्ष 2013 से संचालित है। खाद्यान्न की आपूर्ति जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित क्रियान्वयन एजेंसी को की जाती है। केंद्रीयकृत रसोईघर का लाभ यह है कि विद्यालयों में मध्याह्न भोजन पकाने के दौरान उत्पन्न होने वाले धुएं से बच्चों का बचाव हो रहा है। उन्हें उच्च पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन मिलना सुनिश्चित हुआ है। बच्चों की शिक्षा के स्तर में बढ़ोत्तरी में परियोजना मददगार है। रसोईघर में बॉयलर से उत्पन्न भाप के जरिए खाना पकाया जाता है। चावल चुनने के लिए आधुनिक यंत्रों की व्यवस्था है। पूरी प्रणाली में कहीं भी लकड़ी अथवा कोयले का प्रयोग नहीं किया जाता इस नजरिए से प्रणाली पर्यावरण के अनुकूल है।