कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला में धर्मांतरण करने वाले परिवार के खिलाफ़ एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसमें धर्म अंतरित किए हुए परिवारों का रीति-रिवाज अलग होने के कारण गांव वालों ने नल से पानी भरना, समाज में आना-जाना, गांव में रहने से मना कर रहे हैं। अब इसकी शिकायत एसडीएम और पुलिस के पास की गई है।
शिकायत अनुसार, उन्हें गांव के सरपंच, पटेल और अन्य लोगों के द्वारा खेत से फसल काटने से रोका जा रहा है। नल से पानी लेने से रोका जा रहा है। यही नहीं, गांव से बाहर जाने के लिए भी कहा जा रहा है। और खुद से गांव से बाहर नहीं चले जाएंगे तो उनके घर में तोड़फोड़ कर भगाएंगे। ऐसी धमकी दिया जा रहा हैं।
इस संबंध में अमाबेड़ा थाना प्रभारी हरिशंकर ध्रुव के मुताबिक थाने में शिकायत मिली है। उन्होंने गांव के लोगों को समझाइश दी है। साथ ही, उच्च अधिकारियों को भी घटना के संबंध में जानकारी दी है।
गौरतलब है कि, एक दिन पहले मरदा पटेलपारा में गांव के गौती ने धर्मांतरित परिवार को अंतिम संस्कार करने से रोका गया। इसके बाद रामप्रसाद नाम के व्यक्ति ने प्रशासन से अपनी पत्नी सावित्री के ईसाई कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार के लिए अनुमति मांगी। प्रशासन की अनुमति के बाद अंतागढ़ में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले भी कुर्रुटोला गांव में चैती बाई नाम की महिला को परिजन ने गांव के पटेल और गायता के अनुमति से घर के बाड़ी में दफनाया था। लेकिन गांव के लोगों ने विरोध करते हुए कब्र खोद दी थी। जिसे एक हफ्ते बाद मिशनरी कब्रिस्तान में फिर से दफनाया गया था।
देखिए शिकायत की कॉपी –