स्थानीय आवष्यकता के अनुरूप रोजगार मूलक व्यवसायों का प्रषिक्षण दिलायें- श्रीमती पिल्ले

अम्बिकापुर 
कौषल उन्नयन, तकनीकी षिक्षा एवं रोजगार विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले ने कहा है कि बेरोजगार युवक-युवतियों को मुख्यमंत्री कौषल उन्नयन के तहत स्थानीय आवष्यकता के अनुरूप रोजगार मूलक व्यवसायों का गुणवत्तायुक्त प्रषिक्षण दिलायें। उन्होंने कहा कि प्रषिक्षण दिलाने के बाद उनके नियोजित कराने का भी प्रयास करें तथा नियोजन की भी जानकारी संधारित करें। श्रीमती पिल्ले ने यह निर्देष आज यहां जिला पंचायत के सभाकक्ष में मुख्यमंत्री कौषल विकास योजना की समीक्षा बैठक में सरगुजा संभाग के सभी पांचों जिलों के अधिकारियों को दिये।
कौषल उन्नयन की प्रमुख सचिव श्रीमती पिल्ले ने सभी कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा है कि वे हर माह प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं की बैठक लेकर मुख्यमंत्री कौषल उन्नयन की समीक्षा करते रहें, जिससे इसके क्रियान्वयन में वांछित गति आ सके। उन्होंने कहा कि प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं को निर्धारित स्थल पर ही प्रषिक्षण देना आवष्यक है और यदि एक प्रषिक्षण प्रदाता संस्था द्वारा अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग व्यवसाय का प्रषिक्षण दिया जाता हैं तो उसके लिए पृथक-पृथक अनुमति लेना आवष्यक है। श्रीमती पिल्ले ने कहा कि प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं को व्यवसायिक प्रषिक्षण प्रदाता विनियम 2013 का पालन करना आवष्यक है। उन्होंने कहा कि विषेष पिछड़ी जनजातियों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को अनिवार्य रूप से कौषल उन्नयन प्रषिक्षण दिलाना सुनिष्चित करें।
श्रीमती पिल्ले ने कहा कि प्रषिक्षण प्रदाता संस्था युवक एवं युवतियों को स्वयं प्रषिक्षण देने का कार्य करें तथा प्रषिक्षण देने के लिए किसी अन्य संस्था या एजेन्सी को न सौंपे। उन्होंने कहा कि प्रषिक्षण देने के पहले काउन्सिलिंग के समय ही युवक-युवतियों की रूचि के साथ ही रोजगार के लिए बाहर जाने से इच्छुक लोगों की पहचान कर ली जाये तथा उन्हें उसी के अनुरूप व्यवसाय का प्रषिक्षण दिलाया गया। श्रीमती पिल्ले ने सरगुजा संभाग के जिलेवार सक्रिय और निष्क्रिय प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं और प्रषिक्षण देने के लक्ष्य, प्रषिक्षण प्राप्त कर चुके और उत्तीर्ण हुए तथा विभिन्न सेवाओं में नियोजन की स्थिति की विस्तार से समीक्षा करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण प्रषिक्षण बहुत आवष्यक है। उन्होंने कहा कि प्रषिक्षण देने के बाद प्रषिक्षित युवक-युवतियों को विभिन्न सेवाओं में रोजगार भी दिलायें तथा इसके लिए अपने जिले के उद्योगों की आवष्यकताओं की जानकारी भी संधारित करें तथा छत्तीसगढ़ स्टेट डेवलपमेंट अथारिटी के पोर्टल में भी उद्योगों की आवष्यकताओं को पंजीकृत करें। श्रीमती पिल्ले ने सरगुजा जिले में महिला स्व सहायता समूह द्वारा किये गये बीज उत्पादन कार्य की सराहना करते हुए इसे अन्य जिलों में भी अपनाया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ स्टेट डेवलपमेंट अथारिटी की अध्यक्ष डाॅ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि सभी प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं को बायोमेट्रिक डिवाईस लगाना अनिवार्य हैं। उन्होंने   बेरोजगार युवक-युवतियों को मुख्यमंत्री कौषल उन्नयन के तहत रोजगार मूलक व्यवसायों का प्रषिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवष्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि उनका बैच बनाकर उन्हें प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं में प्रवेष दिलायें। उन्होंने कहा कि प्रषिक्षार्थियों से कौषल प्रषिक्षण प्रदाता संस्था प्रमुख को अपनत्व का व्यवहार करना चाहिए। डाॅ. शुक्ला ने व्यवसायिक प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं की भागीदारी के संबंध में विस्तार रूप से प्रकाष डालते हुए कहा कि वे छत्तीसगढ़ स्टेट डेवलपमेंट अथारिटी की पोर्टल को डेली देखें और उसमें अपनी संस्था के बारे में काॅनटेक्ट डिटेलफीड करें। उन्होंने कहा कि टी.बी.एन. के बगैर कोई बैच शुरू न किये जाये। साथ ही व्यवहारिक प्रषिक्षण हेतु आवष्यक उपकरण, इंटरनेट कनेक्षन, अन्य सामग्री तथा वर्क शाॅप, योग्य प्रषिक्षक, उपयुक्त फर्नीचर, विद्युत कनेक्षन और उपयुक्त वातावरण की आवष्यकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रषिक्षण प्रदाता संस्था की सूचना पटल पर पाठ्यक्रमों की जानाकरी पाठ्य पुस्तक, प्रषिक्षण का समय, परीक्षा परिणाम और नियोजन समय की जानकारी आवष्यक रूप से प्रदर्षित किया जाये।
डाॅ. शुक्ला ने प्रषिक्षण प्रदाता संस्थाओं से कहा कि वे बेराजगार युवक-युवतियों के लिए दिगदर्षक की भूमिका भी निभायें। उन्होंने बी.टी.पी. द्वारा प्रषिक्षण संबंधी किये जाने वाले कार्यो की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि प्रषिक्षण गुणवत्ता युक्त हो एवं व्यवहारिक प्रषिक्षण की उचित व्यवस्था रहें एवं पाठ्य क्रम से संबंधित पुस्तकें भी रखी जायें और समय-समय पर विषय विषेषज्ञों का व्याख्यान भी रखा जायें। प्रषिक्षकों का मानदेय सम्मानजनक रखने, प्लेसमेंट कैम्प में सहभागिता निभाने, परीक्षा के बाद प्रमाण पत्र देने और रोजगार दिलाने के लिए आवष्यक पहल करने के भी निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि उन्हीं व्यवसायों का प्रषिक्षण दिलाये जिनकी आवष्यकता जिले में अधिक हो।
सरगुजा संभाग के कमिष्नर श्री टी.सी. महावार ने कहा कि सरगुजा संभाग की जलवायु उद्यानिकी फसलों के अनुरूप हैं। इसलिए यहां उद्यानिकी विभाग के केन्द्रों को प्रषिक्षण प्रदाता संस्था के रूप में विकसित कर उपयोग किया जाना चाहिए। सरगुजा जिले की कलेक्टर श्रीमती ऋतु सैन ने जिले में मुख्यमंत्री कौषल विकास योजना की प्रगति की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि सरगुजा जिले में महिला स्व सहायता समूह द्वारा 10 हजार क्विंटल धान बीज का उत्पादन किया गया है।  उन्होंने कहा कि कृषि एवं उद्यानिकी विकास के लिए गुणवत्ता युक्त बीज का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहता है। श्रीमती सैन ने सरगुजा जिले में आगामी तीन वर्षो में मुख्यमंत्री कौषल विकास योजना के तहत प्रस्तावित कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर कोरिया जिले के कलेक्टर श्री एस.प्रकाष, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कलेक्टर श्री एलेक्स पाल मेनन और सूरजपुर जिले के कलेक्टर श्री जी.आर. चुरेन्द्र और जषपुर जिले के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दीपक सोनी अपने जिले में मुख्यमंत्री कौषल विकास योजना के तहत किये गये कार्यो की प्रगति की जानकारी देते हुए आगामी तीन वर्षो की कार्य योजना पर प्रकाष डाला।
इस अवसर पर सरगुजा संभाग के मुख्य वनसंरक्षक श्री एस.के. सिंह, जिला पंचायत सरगुजा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.एक्का, कोरिया जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संजीव कुमार झा, सूरजपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रजत बंसल, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रणवीर शर्मा और विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा मुख्यमंत्री कौषल उन्नयन से संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।