Chhattisgarh News: गांधी के पदचिन्हों पर चलकर मनरेगा कर्मचारियों ने किया जल सत्याग्रह, सरकार से की नियमितीकरण की मांग

4 अप्रैल से लगातार दे रहे हैं जिला एवं जनपद पंचायत स्तर पर धरना

सरकार को न वादे की चिंता, न मजदूरों को रोजगार देने की और न ही कर्मचारियों को नियमितीकरण करने की

जांजगीर चांपा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कर्मचारियों ने शनिवार को अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के सुप्रसिद्ध भीमा तालाब मैं जल सत्याग्रह करते हुए प्रदर्शन किया और कचहरी चौक से भीमा तालाब तक रैली निकालकर गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यर्पण करते हुए सरकार को नियमितीकरण की सद्बुद्धि देने कहा।

मनरेगा के अधिकारी कर्मचारी रोजगार सहायक 4 अप्रैल से लगातार अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर तरह तरह से प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यान खींच रहे है।

इसी कड़ी में कर्मचारियों ने शनिवार को धरना देने के बाद दोपहर में कचहरी चौक से भीमा तालाब तक नारेबाजी के साथ रैली निकाली। रैली में बड़ी संख्या में अपनी मांगों को पूरा करने कर्मचारी शामिल हुए। कर्मचारियों ने गांधी चौक पहुँचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान सभी ने बापू से प्रार्थना की सरकार कर्मचारियों के हित में फैसला सुनाए। रैली यहाँ से भीमा तालाब पहुंची जहां पर कर्मचारियों ने तालाब में खड़े होकर जल सत्याग्रह करते हुए अपनी मांगों को त्वरित पूर्ण करने की मांग की ओर कहा कि जिस तरह से गांधी जी ने सत्याग्रह करते हुए कार्य किया उसी तरह से हम सभी कर्मचारी उनके ही मार्ग पर चलते हुए आज जल सत्याग्रह करते हुए सरकार से अपना अधिकार मांग रहे हैं। इसके पूर्व

शनिवार को अनिश्चिततकालीन धरना देते हुए कर्मचारियों ने कहा कि सरकार को मजदूरों की चिंता नही है इसलिए तो उन्होंने जो वादा किया था कि 10 दिन के भीतर की सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाएगा लेकिन कर्मचारियों के साथ 3 साल से लगातार छलावा किया जा रहा है सरकार को सिर्फ अपनी ही चिंता है ना तो उसे कर्मचारियों की चिंता है और ना ही उन कर्मचारियों के भरोसे जो लाखों मजदूर प्रतिदिन रोजगार प्राप्त करते हैं उनकी ही अगर उनकी चिंता होती तो सरकार कर्मचारियों की मांग को अब तक पूरा कर चुकी होती बावजूद 20 दिन से लगातार हड़ताल पर होने के बावजूद भी अब तक सरकार की तरफ से कोई भी पहल नहीं की गई और ना ही कोई बातचीत जिससे कर्मचारियों में सरकार के प्रति विरोध शुरू हुआ है अगर सरकार अब भी कोई निर्णय नहीं लेती है तो कर्मचारियों को अपने हित में कड़े कदम उठाने पड़ेंगे।

दांडी यात्रा में हो रहे शामिल

जिस महात्मा गांधी जी ने जिस तरह से नमक कानून को तोड़ने के लिए दांडी यात्रा चलाई थी उसी तरह से भूपेश सरकार को उनके किए गए वादे की याद दिलाने को लेकर दंतेवाड़ा से लेकर रायपुर तक  कर्मचारी दांडी यात्रा निकाल रहे हैं दांडी यात्रा में लगातार जिले से कर्मचारी सम्मिलित होकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। दांडी यात्रा में विभा मरावी, धरमिन सिंगरोल, अब्दुल कामिल सिद्दीकी, मनोज चंद्र, रमे सिंह, प्रतिमा साहू, हृदय प्रसाद साहू, प्रीतम केशरवानी, ज्वाला सिंह, छतराम कश्यप, राजपाल गाड़ा, किरण कश्यप, रजनी कश्यप, भूपेंद्र कश्यप, रामकुमार मरावी, सुखसागर, मानकी सिंह, गीता, रितु श्रीवास, अमर सिंह आदि शामिल हुए।