पांच दिन में पंद्रह पशुओ की मौत.. पशु चिकित्सक रहते है नदारद

गांव में बीमारी फ़ैलाने ने मवेशियों की हो रही है मौत

गाँव में पदस्थ तीनो पशु चिकित्सक रहते है नादारद

अंबिकापुर देश दीपक ” सचिन” जिले के लुंड्रा विकास खंड के ग्राम पटोरा में बीमारी से पशुओ की मौत हो रही है.. लेकिन पशु विभाग पशुओ की जान बचाने के लिए संजीदा नहीं दिख रहा है.. परिणाम स्वरुप गरमा पंचायत के सचिव ने सरगुजा कलेक्टर को पत्र लिखकर पशुओ के उचित इलाज कराये जाने व मृत पशुओ के मालिको को उचित मुआवजा देने की मांग की है.. 12 जुलाई से चल रहे पशुओ के मौत के सिलसिले में अब तक कुल पंद्रह पशुओ की मौत हो चुकी है.. लेकिन लापरवाह पशु चिकित्सक अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है..

दरअसल 12 जुलाई को गाँव के कई पशुओ में बीमारी फ़ैल गई और एक एक कर उनकी मौत होने लगी मौत के बाद पशु विभाग ने चिकित्सको का दल भेजा और बचे हुए पशुओ को दवाइयां दी गई लेकिन उसके बाद गाँव में पशु चिकित्सक नजर नहीं आये और मवेशियों में बीमारी बढ़ती जा रही है.. मवेशियों की बढ़ती बीमारी से उनके मालिको की चिंता बढ़ गई है और वो ग्राम पंचायत में सरपंच व सचिव से मदद की गुहार लगा रहे है..

क्षेत्र में तीन पशु चिकित्सक है पदस्त

जानकारी के अनुसार इस क्षेत्र में तीन पशु चिकित्सक पदस्त है लेकिन कोई भी अपने क्षेत्र में नहीं रहता है सभी पशु चिकित्सक अंबिकापुर में निवास करते है और गाँव की ओर शायद ही कभी जाते है.. इन पशु चिकित्सको की लापरवाही का अलाम यह है की गाँव के मवेशियों में गंभीर बीमारी फ़ैल जाने के बाद भी वो अपने क्षेत्र में नजर नहीं आ रहे है..

डॉ. एस.पी.सिंह सहायक संचालक पशुधन विभाग

इस सम्बन्ध में जब हमने पशु विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सहायक संचालक से बात की तो उन्होंने कहा की हां बीमारी फैलने से मौत हुई है और इलाज के लिए जिले से डाक्टरों की टीम भेजी गई थी.. लेकिन चिकित्सको के वहाँ ना रहने के सवाल पर उन्होंने कहा की ऐसा नहीं है.. डाक्टर गाँव में रहते है.. जिला स्तरीय टीम एक दिन ही गाँव में गई थी लेकिन वहाँ पदस्त डाक्टर इलाज कर रहे है.. जबकी गांव में समस्या ही इसी बात की है कि पशु बीमार है और डाक्टर नदारद है..तभी तो सचिव ने कलेक्टर को पत्र लिखा है..