खुले में पोस्टमार्टम का ऐसा भयानक दृश्य कब तक.. सरकार बदल गयी… अब दावा के हक़ीक़त में बदलने का इंतज़ार

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद सरकार बदल गयी.. लेकिन सूरजपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग के हालात नहीं बदले। सूरजपुर जिले का नगर पंचायत भटगांव.. जहां थाना बने दो दशक होने को चला है। ऐसे में रोजाना कोई न कोई मर्ग, पंचनामा के मामले सामने आते ही रहते है.. और फिर पोस्टमार्टम के लिए भटगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाना पड़ता है।

ऐसे में लाखों की लागत से अस्पताल बिल्डिंग तैयार कर दिया गया है.. लेकिन एक पोस्टमार्टम कक्ष के लिए राशि की स्वीकृति स्वास्थय विभाग नहीं ले पाया.. और यही वजह है कि चिकित्सक पोस्टमार्टम करने के लिए शवों को अस्पताल से सटे बांसबाङी में ले जाते है। इधर जिस जगह पोस्टमार्टम किया जाता है, उसी जगह इदगाह भी है, तो दूसरी ओर ठिक सामने थाना परिसर।

वर्षो से नगरवासी विचलित करने वाले पोस्टमार्टम के दृश्य को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग से पोस्टमार्टम कक्ष कि मांग करते आ रहे है.. लेकिन आज तक नगरवासियों की आवाज विभाग को सुनाई नहीं दी। गौरतलब है कि नगर पंचायत भटगांव क्षेत्र कोयलांचल इलाका है। ऐसे मे कई विकास कार्य एसईसीएल द्वारा भी किए जाते है। जहां एसईसीएल के श्रमिको की तादात नगर मे ज्यादा है। ऐसे मे श्रमिक नेताओं का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन को अगर शासन कि ओर से पोस्टमार्टम कक्ष नहीं मिल रहा है, तो एसईसीएल प्रबंधन से चर्चा कर राशि की स्वीकृति ले सकते है.. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास लोगो कि समस्या के निराकरण के लिए फुर्सत ही नही है।

इधर इस मसले पर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरएस सिंह ने जल्द ही पोस्टमार्टम कक्ष बनाने का दावा करते नजर आए। बहरहाल खुले में पोस्टमार्टम का दौर वर्षो से चला आ रहा है। ऐसे में समय समय पर बदलते चिकित्सा अधिकारियों का दावा भी बरकरार है।