अम्बिकापुर. कोविड वैक्सीन के वैक्सीनेशन का कार्यक्रम पूरे देश मे चल रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ मे पत्रकारों के वैक्सीनेशन को लेकर सोशल मीडिया मे सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है. देश मे 45 साल से ऊपर के लोगो के वैक्सीनेशन के बाद 18 साल आयु वर्ग के लोगो के टीकाकरण का काम शुरू हो गया है. जिसको बीपीएल, एपीएल कैटिगरी मे बांटकर सरकार ने कुछ नया करने का जरूर प्रयास किया है. लेकिन कोरोना काल मे फ्रंटलाइन वर्कर की तरह काम करने वाले पत्रकारों को वैक्सीनेशन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है. जिससे पत्रकार जगत के अलावा अन्य बुद्धिजीवी वर्ग सरकार की नीति की जमकर आलोचना कर रहा है.
छत्तीसगढ़ मे इन दिनो बस्तर से लेकर सरगुजा तक इस बात की चर्चा काफी तेज है कि आखिर फ्रंटलाइन वर्कर की तरह काम करने वाले पत्रकारों के कोरोना टीकाकरण को लेकर सरकार चितिंत क्यों नहीं है. लेकिन तमाम आलोचनाओं और सोशल मीडिया मे वायरल पोस्ट के बाद भी सरकार के कान मे जूं तक नहीं रेंग रहा है. आलम ये है कि 45 से अधिक आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के बाद अपने टीकाकरण की आस मे बैठे पत्रकार सरकार के इस रूख को लेकर काफी मुखर हैं. और रोजना छत्तीसगढ़ सरकार से ये मांग कर रहे हैं कि अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ सरकार भी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर उनके टीकाकरण की व्यवस्था करे.
पत्रकारों की इस मांग को देखते हुए विभिन्न दलों के नेताओं, समाज सेवियों के साथ ही पत्रकारों के काम को समझने वाले आम लोग अपने अपने स्तर पर सरकार से मांग करने लगे हैं कि सरकार पत्रकारों के टीकाकरण की भी व्यवस्था करे. इसी बीच प्रदेश मे सत्ताधारी दल के युवा नेता और पार्षद दीपक मिश्रा ने खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत से ये मांग की है कि प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथी हर समय अन्य फ्रंटलाइन वर्करों के साथ ग्राउण्ड जीरो मे मौजूद रहते हैं. इसलिए 1 मई से शुरू 18 साल से अधिक आयु वर्ग के साथ पत्रकारों के टीकाकरण की भी व्यवस्था सरकार द्वारा किया जाए!