Chhattisgarh News: राज्य अलंकार से अलंकृत विभूतियों के सम्मान में, भारतेंदु कला साहित्य समिति ने किया कार्यक्रम का आयोजन

Ambikapur News: राज्य के स्थापना दिवस के दिन सरगुजा जिले के दो विभूतियों को राज्य अलंकरण से पुरस्कृत किया गया है। जिसमें एक समाजसेवा (महिला उत्थान) क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉक्टर मीरा शुक्ला को मिनीमाता सम्मान से और दूसरा पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य लिए अमितेश पांडेय को चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार से नवाजा गया। राज्य पुरस्कार से अलंकृत इन दोनों विभूतियों को भारतेन्दु कला साहित्य समिति अम्बिकापुर द्वारा श्रीफल भेंटकर और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। साथ ही, उनके द्वारा अपने क्षेत्र में किये गए उत्कृष्ट कार्य की सराहना की गई। भारतेंदु कला साहित्य समिति द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए जिले और राज्य का नाम रोशन करने की शुभकामनाएं दी गई।

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यह कार्यक्रम भारतेंदु कला साहित्य समिति द्वारा रविवार 13 नवंबर को भारतेंदु कला साहित्य समिति भवन अम्बिकापुर में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना दिवस के दिन पत्रकारिता के क्षेत्र में चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार अलंकृत अमितेश पांडे जी एवं मिनीमाता सम्मान से अलंकृत मीरा शुक्ला जी के सम्मान समारोह के रूप में आयोजन किया गया था। इस दौरान वरिष्ठ साहित्यकार, कवि, समाज सेवी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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इस संबंध में द्वितेंद्र मिश्र ने बताया कि भारतेंदु साहित्य कला समिति द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य जो हमारे सरगुजा जिले के दो लोगों को, राज्य स्थापना दिवस के राज्य अलंकार से अलंकृत किया गया। एक महिला समाज सेविका मीरा शुक्ला जी को मिनीमाता सम्मान से सम्मानित किया गया और दूसरा पत्रकारिता के क्षेत्र में चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार से अमितेश पांडे को सम्मानित किया गया इन दोनों के सम्मान समारोह रखा गया था।

उन्होंने आगे बताया कि भारतेंदु साहित्य एवं कला समिति पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से सरगुजा जिले में सक्रिय है। पंडित जीवन नाथ मिश्र जी को राज्य सरकार द्वारा पंडित सुंदरलाल शर्मा पुरस्कार से पुरस्कृत किया था। उन्हीं के द्वारा यह संस्था स्थापित किया गया है। यह संस्था समय-समय पर नवोदित साहित्यकारों के लिए और वरिष्ठ साहित्यकार जो क्षेत्र में, जिले में ,या संभाग में हैं। उन सबको एक मंच देने का कार्य और साहित्य की विधा को आगे बढ़ाने का काम करती है।