मरवाही। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मरवाही विधानसभा उपचुनाव प्रभारी नीलकंठ त्रिपाठी ने पर्यवेक्षक समिति के साथ विधानसभा का दौरा किया एवं मरवाही के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर होने वाले उपचुनाव पर चर्चा की। बैठक के बाद नीलकंठ त्रिपाठी ने प्रेस कांफ्रेंस किया। नीलकंठ त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि NCP के लिए मरवाही विधानसभा चुनाव के मायने मरवाही विधानसभा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं, जैसे- शिक्षा, रक्षा, स्वास्थ, भोजन, वस्त्र, आवास, यातायात, रोज़गार आदि, के विकास से है।
इस संदर्भ में विचारणीय है कि, वहाँ 1977 से लेकर अब तक जोगी परिवार के 16 वर्ष, कांग्रेस पार्टी के 7 वर्ष व बीजेपी के 8 वर्ष, यदि इतने ही अच्छे थे तो साक्षरता दर में राजधानी रायपुर के मुकाबले मरवाही 30 प्रतिशत पिछड़ा क्यों है! क्या कारण है की गरीब माँ-बाप अपना पेट काट कर, ज़मीन गिरवी रख कर बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजने के लिए मजबूर हैं! इन सरकारों ने शिक्षा के नाम पर क्षेत्र के विद्यार्थियों को क्षेत्र से दूर रहने का अतिरिक्त बोझ दिया है और कुछ नहीं ।
क्षेत्र में नारी सुरक्षा को पिछली सरकारों ने सदा ही अंतिम प्राथमिकता समझा है। 3 जुलाई २०२० को 7 वर्ष की बालिका के साथ जो कुछ हुआ वह परम निंदनीय कृत्य था। क्षेत्र में बलात्कार की घटनाएँ चरम पर हैं। 3 जुलाई की घटना इस वर्ष की चौथी ऐसी घटना थी। और न जाने कितनी ही घटनाएँ रजिस्टर ही नहीं होती हैं। इन सब परिस्थितियों में, नारी सुरक्षा पार्टियों के एजेंडे में शीर्ष पर होना चाहिए था। परन्तु बड़े ही खेद का विषय है की बिजली कटौती को लेकर भूख हड़ताल पर बैठने वाले अमित जोगी के लिए नारी सुरक्षा प्राथमिकता नहीं है।
इसका मतलब तो यही हुआ की उनका भूख हड़ताल भी एक चुनावी स्टंट से बढ़कर कुछ नहीं था| कांग्रेस तो इस संकट काल में भी शराब बेचकर राजस्व कमाने में व्यस्त है। शराब तो बुद्धि भ्रष्ट करने का काम करती ही है ऐसे में नारी सुरक्षा का क्या होगा! मतलब साफ़ है की किसी भी पार्टी की राजनैतिक मंशा ही नहीं है की वो जन कल्याण हेतु कार्य करें। सब अपनी अपनी रोटी सेंकने में लगे हैं| इन परिस्थितियों को NCP ने समझा है तथा क्षेत्र में जन कल्याण की भावना से चुनावी मैदान में है।
बात करें क्षेत्र में स्वास्थ की, तो, इलाज के अभाव में हाल ही में एक बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गयी | गर्भवती महिला अस्पतालों के चक्कर लगाती रही 3 लाख 36 हज़ार की आबादी में केवल 5 सरकारी अस्पताल अन्याय नहीं है? इससे लोगों का स्वास्थ विभाग पर से विश्वास ख़तम हो रहा है । नागरिक त्रस्त हैं और दाऊ जी मस्त हैं । इससे पहले भी भाजपा ने 15 साल सत्ता में रहने के बाद सिर्फ राजनीतिकरण के चलते मरवाही विधानसभा को मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा । भाजपा, कांग्रेस हो या जनता कांग्रेस सभी ने सिर्फ जनता को चुनाव के समय वोट के लालच में सिर्फ लुभावने वादे किये जो सिर्फ एक जुमला साबित हुआ
आशा है मरवाही की जनता इस बात को समझेगी कि कौनसी प्राथमिकताएँ उनके क्षेत्र के हीत में हैं और कौनसे वादे मात्र छलावा भर हैं | नीलकंठ त्रिपाठी जी ने आगे बताया कि मरवाही से अभी तक 4 से 5 युवा नेताओ ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए नीलकंठ त्रिपाठी जी से बी फार्म की मांग की । मा,नीलकंठ त्रिपाठी जी ने आगे कहा कि जल्द ही आलाकमान से चर्चा कर के बी फार्म दिया जाएगा।
आज के इस दौरे में नीलकण्ठ त्रिपाठी के साथ पूर्व विधायक प्रत्याशी पुरुषोत्तम पांडेय, एवं पूर्व राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मा,सोनू गोस्वामी जी ,वरिष्ठ नेता मा, हितेश शुक्ल,श्री गुंजन पांडेय, श्री लकी महंत मुख्यरूप से उपस्थित हुए।