सूरजपुर..(दतिमा मोड़/आयुष जायसवाल)..दिहाड़ी मजदूर जो रोज कमाकर खाने वाले है. उनके सामने लॉक डाउन के बाद दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है. एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर काम कर रहे इन मजदूरों के पास. अपने जीवकोपार्जन की समस्या उतपन्न हो गई है. मजदूर पैदल ही सैकड़ो किलोमीटर अपने घर जाने निकल गए है.
17 मजदूर फिर मिले, मध्यप्रदेश से आ रहे थे
दरअसल आज दोपहर ही 5 मजदूर झारखंड जाने पैदल निकले थे. जिन्हें करंजी पुलिस की मदद से घर जाने की व्यवस्था कराई गई. इसके बाद शाम ढलते ही 17 मजदूरों की खबर मिल गई. जो मध्यप्रदेश के बौरीडांड़, बिजुरी से रेल पटरी पर चलते चलते झारखंड के लातेहार जिला के ग्राम रामशैली जा रहे थे. इसी बीच ये मजदूर करंजी चौकी क्षेत्र के करंजी स्टेशन के समीप खरसुरा रेलवे ओभरब्रिज के पास पहुचे. जिनमे कुछ युवाओ की नजर पड़ी तो उन्होंने करंजी पुलिस को सूचना दी.
जब करंजी पुलिस, क्षेत्रीय पत्रकार मौके पर पहुचे..और उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे बौरी डांड़ रेलवे लाइन में काम करते थे. लेकिन ठेकेदार छोड़कर चले गया..और मजदूरो पैदल ही अपने घर जाना पड़ा. वे गुरुवार को सुबह निकले थे..और लगभग 200 किलोमीटर पैदल चल चुके है.
कलेक्टर ने तत्काल दिया आदेश
मामले की सूचना जिले के कलेक्टर दीपक सोनी को दी गईं. कलेक्टर ने तत्काल प्रशासनिक अमला को निर्देश करते हुए उनकी रहने खाने की व्यवस्था करने कहा.
जिसपर उन्हें पास के ही ग्राम खरसुरा पंचायत भवन में रुकने और खाने की व्यवस्था की गई है. साथ ही जब तक वे यहां रहंगे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी होने नही दिया जाएगा.
कराया जाएगा स्वास्थ्य परीक्षण
वही एसडीएम पुष्पेन्द्र शर्मा ने कहा कि उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाएगा. फिर आगे की कार्यवाही सुबह की जाएगी. इस दौरान करंजी चौकी प्रभारी संजय गोस्वामी, प्रधान आरक्षक विकास सिंह, रघुवंश सिंह, आरक्षक सतीश उपाध्याय, रामचंद्र सिंह ,जागरूक युवाओ में राहुल जायसवाल, दुर्गा गुप्ता सूरज सेट्ठी, सहित पत्रकार सन्दीप जायसवाल, आयुष जायसवाल, मोहिबुल हसन, अनूप जायसवाल, खरसुरा ग्राम के सरपंच मनबोध पैकरा, सचिव दिनेश जायसवाल, संजय मानिकपुर सहित आम जनों ने भी यथा सम्भव मदद करने तत्पर रहे.
बहरहाल इन दिहाड़ी मजदूरों को लेकर पूरे देश मे परेशानी है. गरीब मजदूर भूखे प्यास रहते सैकड़ों हजारो किलोमीटर पैदल जा रहे है. ये खबर तो दिल्ली, मुम्बई और शहरों में सुनने को ही मिल रही थी लेकिन अब ये मजदूर जिले से भी होकर गुजर रहे है. इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि मजदुरो को लेके समस्या बहुत ज्यादा है. या तो इनके रहने खाने की व्यवस्था की जाए या फिर इनको घर तक छोड़ने की व्यवस्था सरकार करनी होगी.