अब बालीवुड में काम करेंगी किन्नर मुस्कान…अगस्त में फिल्म होगी रिलीज

 

अम्बिकापुर-देश दीपक “सचिन”/बी सुशील – शहर की किन्नर मुस्कान अब बड़े परदे पर नजर आयेंगी.. चित्राग्राही फिल्म प्रोडक्सन के द्वारा बनाई जा रही हिन्दी फिल्म हंशा एक सहयोग में मुस्कान किन्नरों के मुख्य रोल में नजर आयेंगी…इस फिल्म में देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी के साथ बालीबुड के कई बड़े कलाकार भी नजर आएंगे.. फिल्म हंशा एक सहयोग की शूटिंग की शुरुआत छत्तीसगढ़ के राजिम से शुरू की गई थी और बाकी की फिल्म मुंबई में शूट की जा रही है…इस फिल्म को अगस्त में रिलीज करने की संभावना जताई जा रही है…वही किन्नरों के जीवन पर आधारित इस फिल्म को बनाने के पीछे निर्देशक ने किन्नरों को सम्मान दो या काम दो की थीम पर काम किया है..

 

समाज में किन्नरों की स्थित में सुधार लाने के प्रयास से यह फिल्म बनाई जा रही है..अम्बिकापुर की मुस्कान किन्नर की मुलाक़ात प्रोड्यूसर सुरेश शर्मा से राजधानी रायपुर में हुई थी और उनकी इस मुलाक़ात के बाद इस फिल्म के निर्माण का सिलसिला शुरू हुआ…मुस्कान किन्नर के साथ साथ इस फिल्म में किन्नर शबनम मौसी किन्नरों के गुरु के रोल में नजर आयेंगी इसके साथ ही बालीवुड के बड़े चेहरे वैष्णवी, शरद सक्सेना, शायजी शिंदे, अखिलेन्द्र मिश्रा भी इस फिल्म में नजर आएंगे..अम्बिकापुर के एक गरीब परिवार में जब एक किन्नर ने जन्म लिया तब मुस्कान के परिवार के सामने बड़ी चुनौतिया थी एक तो गरीबी की मार ऊपर से घर में एक किन्नर का जन्म हुआ… वही मुस्कान के जन्म के समय जब किन्नरों की टोली बधाई लेने के लिए मुस्कान के घर आये और तब से किन्नर समाज ने मुस्कान के परिवार से कहा आपके घर में एक किन्नर का जन्म हुआ है इसे हमें दे दीजिये..वही बड़ी ही कशमकश के बीच मुस्कान के परिवार ने अपने बच्चे को खुद से जुदा कर दिया और मुस्कान आज किन्नर समाज में रहती है…

इस सफलता के पीछे मुस्कान अपना दर्द बताती है की बचपन से ही किन्नर होने की वजह से स्कूल में मोहल्ले में मंदिरों में लोग तरह तरह की बाते करते थे…लोग कहते थे की यह लड़का है या लडकी.. लेकिन समाज के ताने से मुस्कान का मनोबल नहीं टूटा बल्की मुस्कान बेहतर ढंग से अपना जीवन चला रही है और सफलता के नए पायदान पर कदम रखते हुए वो एक फिल्म मे बतौर अभिनेत्री काम कर रही है.. वही अपनी सफलता के लिये मुस्कान ने अम्बिकापुर के लोगो का आभार जताया है उसकाना का कहना है की यहाँ के लोगो से मिली प्रेरणा और प्यार के कारण ही ये सब संभव हो सका है..बहरहाल हंशा एक सहयोग नाम से बन रही फिल्म की स्टोरी थीम की बात करे तो इस फिल्म में वो मंजर दिखाया जाएगा जब एक किन्नर अपने ही सगे भाई की बधाई गाने अपने घर पहुचता है..वही समाज में किन्नरों को अलग नजर से देखे जाने और उनकी उपेक्षा के प्रति जागरूकता लाने के प्रयास से यह फिल्म बनाई जा रही है..फिल्म के पीछे डायरेक्टर का सीधा उद्देश्य है की किन्नरों को सम्मान दो या फिर काम दे दो…