EXCLUSIVE अस्पताल में ताला.. खुले मैदान में जन्म हुआ बच्चे का… नहीं पहुची महतारी

  • स्वास्थ केंद्र में लटका था ताला , महिला ने खेल  मैदान में दिया बच्चे को जन्म …
  • ग्रामीण महिलाओं ने की प्रसव में मदत….. जच्चा बच्चा स्वस्थ…
  • जिले में स्वास्थ सेवाओं का भगवान ही मालिक  …
  • कैमरा देख जिंदा मक्खी निगल गए बड़े डॉक्टर साहब ..

जशुपर (मुकेश कुमार सिगीबहार) प्रदेश को स्वच्छ और समृद्ध बनाने सरकार की खोखली कवायद की पोल जशपुर जिले के स्वास्थ विभाग ने खोल कर दी है.. भगवान का दर्जा प्राप्त डाक्टरों की अमानवीयता लगातार सामने आ रही है.. डाक्टर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है और प्राइवेट प्रेक्टिस कर अपनी जेब भर रहे है… नतीजन इन डाक्टरों की करने के आगे तो प्रकृति भी शर्मसार हो रही है…

दरअसल संस्थागत प्रसव कराने प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची गर्भवती महिला ने अस्पताल बन्द होने से खुले आसमान के नीचे खेल मैदान में बच्चे को जन्म दे दिया। वहीं इस मामले में स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ केंद्र खुला होने का दावा करते हुए बड़ी बेशर्मी से अपनी लापरवाही को छुपा रहा है..

यह मामला जशपुर जिले के घुघरी उप स्वास्थ्य केंद्र का है। जहाँ बरडाँड़ बस्ती से 102 और 108 को फोन लगाने के बाद गर्भवती महिला सम्पत्ति बाई अपनी ननद के साथ 2 किलोमीटर पैदल चलकर इस उपस्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी कराने पहुंची। लेकिन इस अस्पताल में ताला लगा हुआ था,,नर्स वंदना लकड़ा नहीं थी, इधर प्रसव पीड़ा बढ़ती जा रही थी। एक घण्टे तक गर्भवती महिला दर्द से परेशान होने के बाद वापस पैदल घर जाने लगी तो अस्पताल से महज 100 मीटर दूर हाईस्कूल ग्राउंड में ही प्रसव हो गया। प्रसव खेल मैदान में ग्रामीण महिलाओं ने कराया। इसके बाद पहुंची मितानिन ने भी अस्पताल ले जाने की कोशिश की लेकिन तब भी 102 और 108 में फोन लगाने पर लाईन बीजी बताता रहा। इसके बाद जच्चा,बच्चा स्वस्थ जानकर सभी घर लौट गए। इस घटना के बाद भी दिन भर उप स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका रहा। जिसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी है।

IMG 20170821 WA0114

इस घटना से यह तो साफ़ कहा जा सकता है कि जशपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का भगवान ही मालिक है,,,जिसकी जो मर्जी कर रहा है ,और ऊपर से गलती पर पर्दा डालने का भी काम किया जा रहा है। जब इस मामले पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) महादेवडाँड़ के इंचार्ज डॉ डी आर साहू से बात करने अस्पताल पहुंचे तो वहां एक भी स्टाफ मौजूद नहीं था। हाँ,, एक मरीज जरूर सीने में दर्द से राहत पाने अस्पताल में डॉक्टर ढूंढते मिला।

अस्पताल में डॉक्टरों के नम्बर देखकर जब फोन लगाया तो डॉ साहब का नम्बर बन्द था। एक डॉक्टर ने मिले जिन्होंने बताया कि डॉक्टर साहू एक किलोमीटर आगे किराए के मकान में रहते हैं। जब हम डॉ साहू के घर पहुँचे तो यहां का नजारा देखकर पता चला कि डॉक्टर साहब सेवा नहीं अवैध रूप से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। कैमरा देखकर डॉक्टर साहब परेशान तो हो गये लेकिन जब मैदान में डिलिवरी होने की बात कही तो ये डॉक्टर साहब डर के मारे जिन्दा मक्खी निगल गए। डॉक्टर साहब ने कहा कि उपस्वास्थ्य केंद्र खुला हुआ था और नर्स मौजूद थी..इस मामले हमने सी.एम.एच.ओ. जशपुर से बात करने की कोशिश की तो उनका फोन कवरेज से बाहर बताता रहा था।