बिलासपुर यूनिवर्सिटी में खुलेगी प्रदेश की पहली रोबोटिक्स लैब

बिलासपुर

बिलासपुर विश्वविद्यालय में प्रदेश की पहली रोबोटिक्स लैब खुलेगी। इसके लिए आईआईटी चेन्नई से एमओयू की तैयारी अंतिम चरण में है। लैब से कंप्यूटर साइंस के छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। उन्हें न्यूक्लियर साइंस, सी-एक्सप्लोरेशन, हार्ट सर्जरी, कार एसेंबलिंग, लैंडमाइंस, बायोमेडिकल, इंडस्ट्रीयल रोबोट बनाने की तकनीक समझने में मदद मिलेगी। पहले चरण में लैब पर लगभग 30 लाख रुपए खर्च आने का अनुमान है।

बिलासपुर विश्वविद्यालय में रोबोटिक्स लैब बनने से छात्र न केवल रोबोट के बारे में जान सकेंगे बल्कि अपनी कल्पना को वास्तविकता में बदल पाएंगे। विश्वविद्यालय प्रबंधन दावा कर रहा है कि लैब के लिए जरूरी कंप्यूटर समेत काफी संसाधन उनके पास पहले से मौजूद हैं। रोबोटिक किट की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय की योजना माइक्रो लैब तैयार कर छात्रों को प्रशिक्षित करने की है। उन्हें रोबोट बनाने की विधि बताएंगे। यहां इंडस्ट्रीयल या कोई क्रिटिकल रोबोट तैयार नहीं होगा। केवल किट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा। आईआईटी चेन्नई से एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नए सत्र से छात्रों को इसका लाभ मिलेगा।

फैक्ट्री से लेकर चांद तक में हो रहा इस्तेमाल

आज-कल रोबोट का इस्तेमाल हर क्षेत्र में हो रहा है। एक तरफ रोबोट चांद पर भेजे जा रहे हैं, तो निर्माण के लिए फैक्ट्री में भी बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल होने लगा है। खेती, माल-ढुलाई और श्रम वाले कामों में भी रोबोट का प्रयोग हो रहा है। न्यूक्लियर साइंस, सी-एक्सप्लोरेशन, हर्टसर्जरी, कार एसेंबलिंग, लैंडमाइंस, बायोमेडिकल आदि क्षेत्र में रोबोट की निर्भरता बढ़ी है। आने वाले दिनों में तकनीक के इस क्षेत्र में कॅरियर के बेहतर स्कोप हैं।

छात्रों में बढ़ रहा रुझान

रोबोट पर आईआईटी में भी रिसर्च चल रहे हैं। इसके अलावा मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इंस्ट्रूमेंटेशन, कंप्यूटर साइंस के छात्रों में रुचि भी बढ़ी है। अब आधुनिक, बड़े, महंगे और उपयोगी रोबोट को बनाना संभव हो गया है। इनका व्यावसायिक इस्तेमाल भी किया जा रहा है। यही वजह है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग, कम्प्यूटेशनल जिओमेट्री, रोबोट मोशन प्लानिंग, डिजिटल इलेक्ट्रनिक्स एंड माइक्रा-प्रोसेसर, रोबोट मैनिपुलेटोर जैसे अलग-अलग विषयों में कोर्स तैयार किए गए हैं।

लैब से क्या फायदा होगा

विश्वविद्यालय के अधिकारी बताते हैं कि शुरुआत में 30 छात्रों को ही लैब में प्रशिक्षित किया जा सकता है। इसमें कॉलेजों में पढ़ने वाले कंप्यूटर साइंस के छात्रों को मौका देंगे। पहले चरण में सीएमडी व साइंस कॉलेज का चुनाव किया गया है। प्रशिक्षित होने के बाद छात्र रोबोट तैयार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेंगे।

दो दिवसीय प्रशिक्षण

रोबोटिक्स को लेकर इन बिलासपुर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय प्रशिक्षण मंगलवार में शुरू हुआ। जहां यूटीडी के अलावा कॉलेजों के छात्रों को जानकारी दी जा रही है। इसके लिए चेन्नई से एक्सपर्ट की टीम आई है। पांच छात्रों का चयन कर उन्हें अलग से प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही चेन्नई में पढ़ने का मौका भी मिलेगा।