कोरिया
पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए सीसीटीएनएस योजना का कार्य जिले में धीमी गति से चल रहा है। इस कार्य के लिए प्रदेष स्तर से ही संविदाकार नियुक्त किया गया हैै। जिसके के द्वारा जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर कुछ थानों में ईलेक्ट्रानिक बोर्ड की फिंटिग की गई उसके बाद कम्पूटर सहित अन्य उपकरण की फिंटिग का कार्य ठंडा पडा हुुआ है। आलम यह है कि थानो में काम काज एंव आॅनलाईन एफआई आर दर्ज कराने की प्र्रक्रिया शुरु ही नही हो पाई। जिसेक कारण जिला मुखयालय से लेकर जिल के अन्य थानों में अभी भी हाथ से लिखी जा रही है।
मालुम हो कि शासन के द्वारा पुलिसिया व्यवस्था में पारदर्षिता बरतने के लि पुलिस विभाग को पूर्णतः हाई टेक करने का निर्णय लिया गया है। जिसके तहत जिले के सभी थाना क्षेत्रों में कम्पूटर सहित अन्य आॅनलाईन व्यवस्था को दुसस्त करने के निर्देष पीएचक्यू से प्राप्त हो चूके है। इस निर्देष के प्राप्त होने के करीब एक वर्ष बाद भी पलिस विभाग अपने पुराने ढरे में चल रहा है। कम्प्यूटर सेट प्र्राप्त हुए तो वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय के स्थापना कक्ष में धूल फांक रहा है। वहीं कार्य के नाम पर सिर्फ इलेक्ट्रानिक बोर्ड की फिटिंग के अलावा और कार्य नहीं हो पाया है। जबकि योजनांतर्गत शासन के द्वारा जिले के सभी थानो के लिए कम्प्यूटर,स्केनर, प्रिटंर और जनेटर उपलब्ध कराए गया है। किन्तु अभी तक पूरी समाग्री सभी थाने तक पहुची ही नहीं है। धीमी गती से काम होने के कारण थाना आॅनलाइन नहीं हो सका है।
150 से अधिक पुलिसकर्मी हो चुके है प्रषिक्षित
सीसीटीएनएस योजना के तहत जिले के थानो में पदस्थ पुलिसकर्मी को जिला मुख्यालय में स्थित प्रषिक्षण केन्द्रों में कम्प्यूटर का प्रषिक्षण कार्य समय-समय पर आयोजित किया जा रहा है। नतीजन अब तक से150 से अधिक पुलिसकमियों को योजनांतर्गत कम्प्यूट चलाने के बारे मे प्रषिक्षण दिया जा चुका है। फिर भी आलम यह है कि कई थानो में प्राइवेट तौर पर रिर्काड आॅनलाइन का कार्य किया जा रहा है।
पुलिस कैसे करेगी कार्रवाई
कम्प्यूटर पर आॅनलाइन षिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस तत्काल घटना कर विवेचना घटनास्थल पर पंहुचकर करेगी विवेचना के आधा पर मामले से संबंधीत धार एंव अपराध निर्धारित किया जाएगा। विवेचना की रिपोर्ट पुलिस को आॅनलाइन दर्षानी पडेगीं ये मिलेगा योजना से लाभ
सीसीटीएनएस योजना क्रियान्यवान चालू हो जाने के बाद पीडित को भटकने की नौमत नहीं आएगी। बल्कि पीडित अपने हाथ से या फिर किसी कम्प्यूटर कैफे से संबंधीत थाना का साफ्टवेयर खोलकर अपनी षिकायत दर्ज कर सकते है। इसके अलाव उस मामले के सर्दभ में पुलिस के द्वारा क्या कार्रवाही की गई इसकी रिपोर्ट रोजाना कम्प्यूटर पर पीडित देख सकता हैै। इस प्रक्रिया के चालू हो जाने क बाद पीडित परिवार को एफआईआर दर्ज कराने के लिए थानो का चक्कर नहीं लगाना पड़गा। वही पुलिस को सुविधा शुल्क एंव पुलिसिया रौब का भी षिकार पीडित को नहीं होना पडेगा।
रोजनामचे से नहीं हो पायेगी छेड़छाड़
थानों मे सीसीटीएनएस योजना लागू हो जाने से के बाद पूूरा कम्प्यूटराइज्य सिस्टम लागू हो जायेगा। इसके बाद पुलिसकर्मी रोजनामचे में भी छेड़छाड़ नहीं कर सकेगें। अभी पुलिसकर्मी रोजनामचे में या तो जगह छोड़ देते है या फिर उसमें काट-छंाड कर देते है। आॅनलाइन हो जाने के बाद पुुलिस की इस मनमानी पर अंकुष लग जाएगा। क्योंकि कोई भी अधिकारी अपनी आईडी पर रोजनामचा सहित अन्य मामले को प्रगति एक क्लिक पर देख सकता है।दस वर्ष के रिकाॅर्ड हो गए आॅनलाइन पुलिस सूत्रो की बात माने तो सीसीटीएनएस योजना के तहत पूरे दस्तावेज को आॅनलाइन करने के निर्देष दिए गए थे। जिसके लिए दस सालोें के रिकार्ड पूरी तरह आॅनलाईन फीड करना था। जिस पर जिले के विभिन्न थाना प्रभारीयो के द्वारा थानो का रिकार्ड आॅनलाइन फीडिंग का कार्य रिकार्ड आॅनलाइन फीडिंग का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है।
एसपी कोरिया बीएस ध्र्रुव
सीसीटीएनएस योजना के तहत कार्य चल रहा है। जहां करीब दो सौ पुलिसकर्मी को प्रषिक्षण दिया जा चुका है। वहीं आॅनलाइन रिकार्ड फीडिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।