निर्माण के सुरक्षा की जिम्मेदारी ठेकेदारों पर : विश्वकर्मा…

[highlight color=”blue”]अल्ट्राटेक के अधिकारी ने संभाग स्तरीय तकनीकी कार्यशाला में दी ठेकेदारों को जानकारी[/highlight]

 

[highlight color=”black”]अम्बिकापुर[/highlight] [highlight color=”red”]”दीपक सराठे”[/highlight]

 

मकान पूरे जिन्दगी की एक पूंजी होती है। आज के समय में सिर पर छत कायम करने एक इंसान को अपनी पूरी जिन्दगी की मेहनत को पूंजी के रूप में लगाना पड़ता है। ऐसे में उस मकान को बनाने में ठेेेकेदारों द्वारा अगर गुणवत्ता नहीं बरती गई तो उस इंसान का सपना कुछ दिन में ही चकनाचूर हो सकता है। मकान व निर्माण की सुरक्षा की जिम्मेदारी ठेकेदारों की होती है। यह जानकारी स्थानीय होटल मयूरा में आयोजित तकनीकी कार्यशाला के दौरान अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी से पहुंचे अधिकारियों ने ठेकेदारों को दी। इस कार्यशाला में संभाग के सैकड़ो ठेकेदार मौजूद थे। इस तकनीकी कार्यशाला में ठेकेदारों को मकान बनाते समय किस प्रकार की तकनीक व गुणवत्ता बरतनी चाहिये इसके बारे में विस्तार से समझाया गया। अल्ट्राटेक तकनीकी सेवा विभाग के अधिकारी प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया कि मकान बनाते समय अगर सही समय पर तकनीकी बातों का ध्यान नहीं दिया गया तो शुरूआती दौर में तो सब कुछ ठीक ही रहेगा, परंतु कुछ समय बाद उस मकान या निर्माण में दरार व सीपेज आ जायेगी। अधिकारी ने ठेकेदारों को मकान बनाने के दौरान उसकी जोड़ाई व ढलाई सहित सभी कामों को जिस प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है इसे भी बताया गया। संभाग स्तरीय कार्यशाला में स्थानीय सिविल पेटी कांट्रेक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।  कार्यशाला में ठेकेदारों ने भी अधिकारियों से मकान निर्माण से संबंधित कई सवाल किये, जिसका अधिकारियों ने जवाब दिया।

इस दौरान अल्ट्राटेक कंपनी के मार्केटिंग विभाग से राजन बघेल, दिलीप यादव, दोमन यादव, स्थानीय पेटी कंट्रेक्टर संघ के अध्यक्ष गुलाब भाई, उपाध्यक्ष रवि प्रधान, सचिव महाजन राम यादव, उदय भान केरकेट्टा सहित संभाग के डीलर एवं रिटेलर भी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान एक अच्छी बात यह रही कि सिविल पेटी कंट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलाब भाई ने अधिकारियों से यह कहा कि इस प्रकार का आयोजन होता रहा और उन्हें सही तकनीक की जानकाी मिलती रही तो छोटे ठेकेदार भी एक प्रशिक्षित इंजीनियर की तरह जानकार हो जायेगा। उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम लगातार किये जाने की भी मांग की।