शिक्षा गुणवत्ता – यहाँ परीक्षा में शिक्षक ही छात्रो को दे रहे है नक़ल सामग्री

नकल करा विद्यार्थियों को पास कराने शिक्षकों का हुआ नैतिक पतन !

शिक्षक ऐसे तो छात्र होंगे कैसे ?

14 शिक्षकों की मेहनत का ऐसा प्रतिफल

अर्धवार्षिक व प्रायोगिक परीक्षा में ये हाल तो बोर्ड परीक्षाओं में क्या करेंगे उम्मीद !

सूरजपुर

देश भले ही डिजिटल युग की ओर बढ़ रहा है। वहीं जिले में शिक्षा की गुणवत्ता महज सरकारी आंकड़ों तक सीमित है। ग्राम बड़सरा के शाउमा विद्यालय में परीक्षा के दौरान शिक्षक ही नकल कराते कैमरे में कैद हो गए। वहीं इस संबंध में विद्यालय की प्राचार्य बी केरकेट्टा से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आप लोग हमेशा ही हम लोगों से नाराज रहते हैं। वहीं शिक्षकों का कहना है कि आप लोग हम लोगों का ट्रांसफर करा दीजिए।
भैयाथान खंड के ग्राम बड़सरा स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में इन दिनों कक्षा 9 से 12 वीं तक की अर्धवार्षिक एवं प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित कराई जा रही हैं। परीक्षा में आलम यह है कि शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को नकल करने की खुली छुट दी गई है। इतना ही नहीं नकल कराने के लिए शिक्षकों द्वारा नकल सामग्री भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि कुछ सवालों के जवाब तो बकायदा बोर्ड पर लिखकर नकल कराया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा जहां शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के ढोंग का ढोल पीटा जा रहा है। वहीं उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने के लिए शिक्षकों ने अपने नैतिकता का पतन करा लिया है। भविष्य निर्माता शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को नकल कराने की इस घटना की समूचे क्षेत्र में जमकर निन्दा की जा रही है।

भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाष्त नहीं
शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अध्यक्ष शिवकुमार पांडेय ने शिक्षकों द्वारा नकल कराए जाने की घटना को विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए उन्होंने कलक्टर जीआर चुरेन्द्र से शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।

पढ़ाई कराया नहीं और ले रहे परीक्षा
शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्य एवं पालक बिजेन्द्र यादव ने बताया कि विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षा के संबंध में कुछ भी पढ़ाया नहीं गया है। वहीं संस्था द्वारा परीक्षाओ का आयोजन कर नकल कराया जा रहा है।

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