फर्जी अंकसूची मामले में मुख्य आरोपी का साला गिरफ्तार

फर्जी अंकसूची मामले में मुख्य आरोपी का साला गिरफ्तार

अम्बिकापुर

सरगुजा विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कई काॅलेजों के फेल छात्रों को फर्जी अंकसूची देकर पास घोषित करने के मामले में जांच कर रही कोतवाली पुलिस ने आज मामले के मुख्य आरोपी के साला को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार हुये युवक ने किसी प्रकार के फर्जी अंकसूची में लेनदेन करने से इंकार कर दिया है। पुलिस पकड़े गये युवक के निशांनदेही पर अन्य लोगों को भी थाने बुलाकर पूछताछ करने में लगी हुई है।

गौरतलब है कि सरगुजा विश्वविद्यालय में फर्जी अंकसूची मामले के सामने आने के बाद सरगुजा विवि की रिपोर्ट पर पुलिस ने 16 छात्रों सहित अंकसूची उपलब्ध कराने वाले लोगों के विरूद्ध 11 अगस्त 2015 को अपराध कायम कर छात्रों से पूछताछ की। जिसके बाद पुलिस ने छात्रों के बताये गये नाम के तौर पर वसुन्धरा विहार काॅलोली में किराये के मकान में रह रहे क्वाटर नम्बर एच 18 बी निवासी संतोष कुमार श्रीवास्तव पिता फिरंगी लाल इस पूरे गड़बलझाले में मुख्य भूमिका निभा रहा था। जो वर्ष 2001 से अम्बिकापुर में आकर साई बाबा काॅलेज के समीप स्टूडेंट कार्नर के नाम से दुकान खोला और सरगुजा विश्वविद्यालय से समृद्ध काॅलेजों में पुस्तक, साईस लैब व अन्य सामानों की सप्लाई करता था। दुकान को ही केन्द्र बिन्दू बनाकर सरगुजा विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों व दलालों की सांठगांठ से फेल हुये छात्रों की सूची प्राप्त कर उनसे सम्पर्क करने के बाद पैसे लेकर उत्तीर्ण की फर्जी अंकसूची प्रदान करने का काम किया करता था। गड़बडी सामने आने के बाद संतोष श्रीवास्तव जून 2015 से फरार होकर रांची में रह रहा था। जिसे सूचना पर पुलिस ने उसे रांची से गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने सरगुजा विश्वविद्यालय के गोपनीय शाखा में कार्यरत कृष्णादास सहित अन्य लोगों का नाम उजाकर किये। साथ ही बताया कि वह दुकान को अपने साले उत्तरप्रदेश के गोरखपुर अशोक नगर काॅलोनी निवासी मनीष श्रीवास्तव व उसके दोस्त को दुकान में काम करने के लिए रखा था। जिन्होने दुकान की आड़ में फर्जी अंकसूची का काम करना शुरू कर दिया। संतोष के बयान के अनुसार आज कोतवाली पुलिस ने उसके साला मनीष श्रीवास्तव को अम्बिकापुर में ही उसके दूसरे बहन के यहां से गिरफ्तार कर लिया है। मनीष श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि उसके जीजा ने उसे अपने यहां काम करने के लिए 4 हजार की नौकरी पर रखा था। वह क्या करते थे यह पता नहीं फर्जी अंकसूची में शामिल होने की बात गलत है न तो किसी छात्र से पैसा लिया हूं और न ही किसी छात्र को फर्जी अंकसूची दिया हूं। बहरहाल पुलिस ने पकड़े गये आरोपी से पूछताछ करने व उसके बताये जा रहे अन्य लोगों के नाम के आधार पर सभी को कोतवाली में बुलवाकर पूछताछ करने में जुटी हुई है।