बलरामपुर मंदसौर में हुए किसानों के साथ हिंसा के विरोध में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी समूचे प्रदेश में चक्काजाम,धरना प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान किया था,लेकिन बलरामपुर जिला मुख्यायल में पीसीसी के इस फरमान को जिले के कांग्रेसियो ने हल्के में लेते हुए ना ही चक्काजाम किया और ना ही धरना प्रदर्शन किया । बल्कि आयोजन का निपटाने के लिहाज से तकरबीन दो दर्जन कांग्रेसियो ने बिना किसी प्रदर्शन के सीधे थाने की शरण लेकरर अपनी गिरफ्तारी दे दी। और फिर खानापूर्ति के लिए मुचलके मे जमानत लेकर सभी अपने घर को लौट गए।
गौरतलब है कि बलरामपुर की दो विधानसभा सीटों सामरी और रामानुजगंज में कांग्रेस का कब्जा है,लेकिन जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन से दूरी बना ली ,गिरफ्तारी के दौरान रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह नजर नही आये, और कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता ही संगठन की फरमान या यूं कहें कि पार्टी की लाज रखने गिरफ्तारी देने थाने पहुचे थे। वही कांग्रेस पार्टी में शुरू से गुटबाजी की परंपरा है,और अपना अस्तित्व कायम रखने पार्टी के दोनों खेमे आपस मे ही आमने सामने होते रहे, और यही वजह हो सकती है कि कांग्रेसी आज एकजुट नही हो पाए और पीसीसी द्वारा जारी सख्त आदेश का पालन आज नही हो पाया,और कांग्रेसी चक्काजाम करने में विफल रहे।
कांग्रेस से हुआ मोह भंग
इसके अलावा जिला कांग्रेस कमेटी के मुखिया गोपाल प्रसाद गुप्ता दबी हुई जुबान से इस बात को स्वीकार करते है कि जिला कांग्रेस में कुछ भी ठीक नही चल रहा है,तो वही जानकर सूत्रों की माने तो कुछ कांग्रेसी लीडरो की दिलचस्पी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में जुड़कर काम करने की है,और एक दिन पूर्व ही मुख्यालय में आयोजित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजित जोगी की सभा मे जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शक्ति प्रदर्शन किया था,तो वही उक्त सभा मे क्षेत्र के कुछ पुराने कांग्रेसी भी दिखाई दे रहे थे,यही नही कुछ कांग्रेसी तो अजित जोगी की भाषण सुनने कार्यक्रम स्थल पर लोगो की नजरों से बचते जमे हुए थे।