बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)..पुलिस महकमें के लिए इससे बड़ी बात क्या होगी की एक थाना प्रभारी को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उप पुलिस अधीक्षक के पदनाम पर कोई अंतर नजर नही आता है..और उनके थाने से रिलीज होने वाली हर प्रेस रिलीज पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को उप पुलिस अधीक्षक बताया गया है..ऐसे दो प्रेस रिलीज हमारे पास उपलब्ध है..वही इस घटनाक्रम की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत कतलम ने नाराजगी जाहिर करते हुए..सम्बंधित थाना प्रभारी की खबर लेने की बात कही है…
दरअसल यह किस्सा जिले के राजपुर पुलिस थाने का है..जहाँ पुलिस ने एक चोरी के प्रकरण का खुलासा 10 जुलाई को किया..और पुलिस ने प्रेस रिलीज भी जारी किया..जिसके बाद पुलिस ने आज एक 376 के मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी की..तथा उसका भी प्रेस रिलीज जारी किया..मगर इन दोनों ही मामलों के प्रेस रिलीज में एक बात सामान्य थी..जो चाह करके भी नजरअंदाज करने लायक नही थी..क्योंकि उन दोनों ही प्रेस रिलीज में अपने ही विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के पदनाम को पदनाम को बदल कर कागजो में दर्शाया गया था..मामला यही तक सीमित नही है..अंचल के कुछ अखबारों व शोसल प्लेटफार्म के हब के रूप में जाने और पहचाने जाने वाले वेब पोट्रल्स पर भी वही प्रकाशित और प्रसारित हुआ..जो पुलिस की प्रेस रिलीज पर अंकित पदनाम था..
बता दे कि वर्तमान समय मे बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू है,और अतिरिक पुलिस अधीक्षक प्रशांत कतलम है..लेकिन फिर भी पुलिस की प्रेस रिलीज में ऐसा क्यों लिखा गया ..की प्रशांत कतलम उप पुलिस अधीक्षक है?.इसका जवाब जानने की कोशिश राजपुर थाना प्रभारी फरदीनन्द कुजूर से की गई..उनका दावा था ..की जो उनकी थाने की विज्ञप्ति में है..वही सही है..अब भला साहब तो थाना प्रभारी है..उनको अब कौन बताए ..की उप पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पदनाम में फासला कितना है..