छत्तीसगढ़: जीवित हितग्राहियों को नसीब नहीं, यहां मर चुके लोगों के नाम जारी हो रही पेंशन राशि

बलरामपुर. Old Age Pension: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के बड़किमहरी गांव में वृद्धा पेंशन योजना में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है. जिसके बाद अब कलेक्टर ने मामले की जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है.

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बलरामपुर जिला मुख्यालय से सटे ग्राम बड़किमहरी में वृद्धा पेंशन योजना की राशि नहीं मिलने से निराश-हताश ग्रामीण जिला कलेक्टर से मिलने पहुँचे थे, और उन्होंने कलेक्टर से लिखित शिकायत कर तत्कालीन पंचायत सचिव पर कार्यवाही की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि जीवित वृध्दजनो को तो योजना की राशि मिल नही रही, लेकिन 7 मृत वृध्दजनो के नाम पर योजना की राशि दी जा रही है.

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बता दें कि, गांव के बुजुर्ग और विधवा महिलाओं को पहले 350₹ प्रत्येक महीने दिया जाता था. जिसे अब बढ़ाकर 500₹ कर दिया गया है. पेंशन योजना के तहत मिलने वाली राशि बुजुर्गों के लिए एक बड़े सहारे का काम करती है, लेकिन इस गांव के तत्कालीन पंचायत सचिव ने लगभग दो दर्जन से ज्यादा हितग्राहियों को पेंशन की राशि का वितरण नहीं किया. पात्र हितग्राहियों को पेंशन की राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजने का प्रावधान है, और इसके अलावा गांव के कुछ ऐसे भी बुजुर्ग हितग्राही है. जिनको पेंशन की राशि नगद दी जाती है, जो कि गांव में किसी हितग्राही को एक साल, तो किसी हितग्राही को 6 से 8 महीने से नही दी गई. पेंशन की राशि को निकालने के लिए हितग्राही बैंक के चक्कर काट रहे है. लेकिन खाते में योजना की राशि नही पहुँचने से ग्रामीण मायूस है.

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इन सबके बीच दिलचस्प तो यह है कि 7 ऐसे हितग्राही है जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जिनका नाम पेंशन योजना में अभी भी जुड़ा हुआ है और उनके खाते में योजना की राशि भी भेजी जा रही है. जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिम्मेदार ने कैसे अपनी जिम्मेदारी की पूर्ति की होगी.

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फिलहाल, कलेक्टर ने फरियादियों की फरियाद सुन जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है, लेकिन जांच और कार्यवाही कब तक होगी यह कह पाना मुश्किल ही है. और ऐसा इसलिए क्योंकि सरकारी फाइलों में इस तरह के हजारों मामलों की जांच नस्तीबद्ध कर दी जाती है. या तो ग्रामीणों की फरियाद वापस करवा ली जाती है.

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