प्रशासन के साथ मिलकर युवा कर रहे व्यवहार परिवर्तन-खुले में शौच मुक्त करने लोगों को दे रहे समझाईश

अम्बिकापुर-दीपक सराठे 

देश भर में स्वच्छता का नारा बुलंद है। हर जगह अपने क्षेत्र को स्वच्छ रखने प्रशासन द्वारा कई कवायद की जा रही है। स्थानीय स्तर की बात करें तो स्वच्छता को लेकर नगर निगम पर राष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ अपनी पहचान बनाई है, बल्कि अवार्ड भी हासिल किया है। अब नगरीय क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त करने अब तक और कवायद प्रशासन ने शुरू की है। इस प्रयास में युवाओं द्वारा गठित समाज सेवी संस्था यूनिटी ऑफ क्लब एवं सहारा ट्रस्ट को शामिल किया गया है। युनिटी के युवा हर रोज सुबह नगर के विभिन्न वार्डों मेें जाकर खुले में शौच के लिये जाने वालों को समझाईश देते देखे जा सकते हैं। खुले में शौच को लेकर लोगों के व्यवहार व मानसिकता में बदलाव लाने प्रशासन की इस सोच को यूनिटी के पथ धरातल पर बखूबी निभा रहे हैं। जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे, शहर को पूरी तरह से स्वच्छ नहीं किया जा सकता। प्रशासन की शायद यही सोच है। इसी के तहत शहर के 49 स्थलों को चिन्हांकन कर वहां के लोगों के दिलो दिमांग व व्यवहार में खुले में शौच से होने वाले दुष्परिणाम को यूनिटी क्लब के युवाओं द्वारा बताया जा रहा है। युवाओं के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी चिन्हांकित स्थलों तक पहुंच रहे हैं। शहर में स्वच्छता को लेकर यूनिटी क्लब द्वारा पूर्व में कई जागरूकता के कार्यक्रम किये जा चुके हैं। क्षेत्र में लोगों को समझाईश देने के साथ-साथ स्वयं युवाओं ने हाथ में झाडू पकड़ कर सफाई अभियान भी चलाया था। युवाओं की इसी जिज्ञासा को देखते हुये प्रशासन ने इस मुहिम में उन युवाओं को जोड़ा है। हर रोज सुबह यूनिटी के युवा अलग-अलग वार्डों में जाकर क्षेत्र को खुले में शौच मुक्त कराने की कोशिश करते हुये लोगों को समझाईश दे रहे हैं। यही नहीं खुले में शौच जाने वालों के पकड़े जाने पर दण्ड स्वरूप 10 रूपये का चालान भी काटा जा रहा है। आज इस मुहिम के दौरान युवाओं के साथ डिप्टी कलेक्टर सूर्य किरण अग्रवाल भी लोगों को समझाने पहुंची थी।

रिजल्ट आ रहा सामने-अग्रवाल
डिप्टी कलेक्टर सूर्य किरण अग्रवाल ने कहा कि युवाओं के द्वारा काफी मेहनत की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच रहे हैं। इस मुहिम से खुले में शौच को लेकर अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। लोग खुले में शौच के दुष्परिणाम को समझ रहे हैं। लोगों की जागरूकता ही इस अभियान की सफलता होती।