अम्बिकापुर/सीतापुर/अनिल उपाध्याय। मायके में अपने सात दिन के बेटे की छठी मना रही युवती की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उपचार के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौत हो गई। इस घटना के बाद सात दिन पहले जन्मे बच्चे समेत तीन बच्चों के सिर से माँ का साया उठ गया। जबकि पति का रो-रोकर बुरा हाल था। युवती की मौत की खबर के बाद मायके में चल रहे छठी कार्यक्रम में मातम पसर गया और पूरा परिवार सदमे में आ गया।
जानकारी के अनुसार विकासखंड बतौली के ग्राम जरहाडीह निवासी पुष्पा पैंकरा पति कुलदीप पैंकरा (34 वर्ष) का सात दिन पहले बेटा हुआ था। जिसका छठी कार्यक्रम पुष्पा के मायके कटनइपारा सीतापुर में मनाया जा रहा था। इसी दौरान रात 10-11 बजे के बीच अचानक युवती की तबीयत बिगड़ी। जिसे लेकर परिजन उपचार हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचे। जहाँ उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद मायके में मना रहे छठी कार्यक्रम में मातम पसर गया और पूरा परिवार सदमे में आ गया। जबकि उपचार के दौरान युवती की मौत के बाद सात दिन का मासूम बच्चा समेत उसका एक आठ वर्षीय भाई एवं 5 वर्षीय बहन के सिर से माँ का साया उठ गया।वही पति का रो-रोकर बुरा हाल था।
युवती का शव घर ले जाने घँटों भटकते रहे परिजन
युवती की मौत के बाद उसका शव घर ले जाने शव वाहन के अभाव में घंटो परिजन भटकते रहे। कोरोना काल के दौरान क्षेत्रीय विधायक एवं खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने इस परेशानी से छुटकारा दिलाने स्वास्थ्य केंद्र को एक शव वाहन उपलब्ध कराया था। किंतु शव वाहन के चालक की भुगतना संबंधी समस्या को देखते हुए उस वाहन को साल भर पहले जिला अस्पताल भेज दिया गया। जिसके बाद से आज तक यहाँ शव वाहन की व्यवस्था नही हो पाई। शव वाहन के अभाव में आधी रात तक परिजन काफी परेशान रहे। बाद में मृतिका के ससुराल वाले जब वाहन लेकर आये तब उसका शव घर ले जाया गया।
इस मौत के संबंध में उपचार कर रहे डॉ एस एन पैंकरा ने बताया कि युवती को जब भर्ती किया गया था। तब उसका शुगर और ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था। इलाज के दौरान ब्लड प्रेशर थोड़ा कंट्रोल हुआ पर शुगर बढ़ गया। इसी बीच उसके हथेली भी काले पड़ने लगे गए थे। उसके हालात को देखते हुए उसका उपचार किया जा रहा था लेकिन इसी बीच उसने दम तोड़ दिया।
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