सब इंजीनियर का वेतन रुका, एसडीओ व ईई को नोटिस, जिला व विकासखण्ड स्तर पर खुलेंगे कोचिंग संस्थान


अम्बिकापुर। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने स्कूल में बच्चों के लिए सभी मूलभूत सुविधा की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता में कहीं कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिक्षा में गुणवत्ता लाकर जिले में नए कीर्तिमान स्थापित करें। इस दौरान जल जीवन मिशन के तहत स्कूलां में रनिंग वाटर की उपलब्धता का सत्यापन किये बगैर ही ठेकेदार को राशि भुगतान करने पर पी.एच.ई. के सब इंजीनियर का वेतन रोकने तथा कार्यपालन अभियन्ता व एस.डी.ओ. को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश देने के साथ ही तीन दिन में जवाब नहीं देने पर गंभीर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दिए।

कलेक्टर ने स्कूलों में रनिंग वाटर की समीक्षा करते हुए कहा कि अब तक 7 जनपद के 1958 स्कूलों में जल जीवन मिशन के तहत शुरू हुए रनिंग वाटर का कार्य 931 स्कूल में पूरा हुआ है। सभी स्कूलों में रनिंग वाटर, वॉश बेसिन व हैंडवाश या साबुन की व्यवस्था हो। उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक को नोडल अधिकारी बनाते हुए स्कूल में नल जल के माध्यम स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने मॉनिटरिंग करने तथा बीईओ व बीआरसी को स्कूल में रनिंग वाटर की उपलब्धता है कि नहीं इसका सत्यापन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना फ़ोटो सहित सत्यापन के जल जीवन मिशन की राशि का भुगतान न हो। उन्होंने कहा कि आने वाले ग्रीष्म ऋतु तक सभी स्कूलों में रनिंग वाटर के लिए नल लगा हो और पानी आना चाहिए। जिन स्कूलों के नल खराब ही गए है पी.एच.ई. विभाग उन्हें सुधारें।

जिला व विकासखण्ड स्तर पर शुरू होंगे कोचिंग संस्था-

कलेक्टर ने शिक्षा में गुणवत्ता लाने व प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर परिणाम के लिए सभी विकासखंड मुख्यालयों व जिला मुख्यालय में एक-एक कोचिंग संस्थान शुरू करने के निर्देश दिए। विकासखण्ड मुख्यालयों में जवाहर नवोदय विद्यालय, प्रयास, सैनिक स्कूल आदि के प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। कोचिंग संस्थान के लिए भवन चिन्हांकित कर कोचिंग के लिए उपयुक्त शिक्षकों का चिन्हांकन बी.ई.ओ. द्वारा किया जाएगा। कोचिंग संस्था में 25 बालक व 25 बालिका को प्रवेश दिया जाएगा। इनमें से दूर से आने वाले बालिकाओं के लिए संस्था को आवासीय बनाया जाएगा। प्रवेश के लिए बच्चों का स्क्रीनिंग होगा। इसी प्रकार जिला मुख्यालय में भी कोचिंग संस्था भी संचालित की जाएगी जिसमें नीट, जेईई, क्लैट व सीजी पी.एस.सी. परीक्षा की तैयारी हेतु कोचिंग दी जाएगी। इसमें 150-150 बालक-बालिका को प्रवेश दिया जाएगा। यह संस्था भी आवासीय होगी।

एकल शिक्षकीय स्कूलों के फिरेंगे दिन-

कलेक्टर ने एकल शिक्षकीय शालाओं में एक-एक और शिक्षक की व्यवस्था के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए 15 दिन में व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले चरण में मैनपाट व सीतापुर तथा दूसरे चरण में लुण्ड्रा व बतौली विकासखण्ड के एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षक की व्यवस्था करें। बताया गया कि इन चारों विकासखंडों में करीब 150 एकल शिक्षकीय विद्यालय हैं। कलेक्टर ने होमवर्क पर जोर देते हुए कहा कि बच्चा घर मे होमवर्क या पढ़ाई कर रहा है या नहीं इसकी भी मॉनिटरिंग स्कूल के आस-पास रहने वाले शिक्षकों को करनी चाहिए। इसके अलावा माताओं को बच्चां के पढ़ाई से जोड़ने के लिए स्कूलों में माता-पिता बालक सम्मेलन का आयोजन किया जाए।

निजी स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई-

कलेक्टर ने कहा कि अध्यापन में केवल कागजी खाना पूर्ति न करें बल्कि निजी स्कूलों की तरह एक योजनाबद्ध तरीके से अध्यापन हो। उन्होंने सभी बी.ई.ओ. को निर्देशित किया कि निजी स्कूल के प्राचार्यों से उनके स्कूल में शिक्षकीय कार्य के संबंध में जानकारी लेकर उसी तरह अपने स्कूल में भी शिक्षकीय कार्य शुरू करें। औसत निष्पादन वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाये। प्रशिक्षण का आयोजन विकासखण्ड स्तर पर करें। उन्होंने कहा कि डीईओ, बीईओ व बीआरसी सप्ताह में 50-50 स्कूलों का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों की 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। कलेक्टर ने निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत प्रवेश में पारदर्शिता, स्कूलां के परिवहन वाहनों का नियमानुसार संचालन हेतु मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ संजय गुहे, समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारी व जनपद सीईओ सहित प्राचार्यगण उपस्थित थे।