सरगुजा के अमितेष पाण्डेय को मिलेगा चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार, पत्रकारों में हर्ष का माहौल

Chhattisgarh Rajyotsav 2022: छत्तीसगढ़ के 22वीं राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभूतियों को राज्य अलंकरण पुरस्कार से नवाजा जाएगा। जिसमें इलेक्ट्रानिक मीडिया (हिंदी) के क्षेत्र मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले सरगुजा जिले की माटी में पले-बढ़े देश के प्रतिष्ठित चैनल एबीपी न्यूज़ के सरगुजा संभाग ब्यूरो व अपनी तेज तर्रार रिपोर्टिंग के लिए पहचाने जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार अमितेष पाण्डेय (Amitesh Pandey) को चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति पत्रकारिता सम्मान से पुरस्कृत किया जाएगा। श्री पाण्डेय इस उपलब्धि से सरगुजा सहित प्रदेशभर के पत्रकारों में हर्ष का माहौल है।

छत्तीसगढ़ सरकार में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने आज राज्य अलंकरण पुरस्कारों की घोषणा की है। 33 श्रेणियों में दिए जाने वाले इस पुरस्कार में सरगुजा जिले के अमितेष पाण्डेय का भी नाम शामिल है, जो कि पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित कर समाज के प्रति अपना विशेष दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। सरकार और जनता के बीच सेतु का काम करने वाले पत्रकार अमितेष पाण्डेय को 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर राज्य अलंकरण के पुरुस्कार से नवाजा जाएगा। अमितेष पाण्डेय का चंदूलाल चंद्राकर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार के लिए नाम आने के बाद पत्रकार जगत में हर्ष व्याप्त है। अमितेष पाण्डेय ने अपनी प्रारंभिक पत्रकारिता की शुरुआत अम्बिकापुर के लोकल चैनल आवाज से की थी। इसके बाद लंबे समय तक ईटीवी और News18 में कार्य करते रहे। वर्तमान में वे देश के प्रतिष्ठित चैनल एबीपी न्यूज़ (ABP News) में सरगुजा संभाग ब्यूरो हेड है।

बता दें कि सरल, सहज स्वभाव और व्यक्तित्व के धनी अमितेष पाण्डेय नाम राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित होने पर सरगुजावासियों सहित पत्रकारों में जबरदस्त उत्साह है। इनको मिलने वाले इस पुरस्कार से युवा पत्रकारों में भी जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। गौरतलब है कि, 1 नवंबर को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में राज्योत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें 33 श्रेणियों के 41 सम्मानग्राहियों को मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इसके साथ ही राज्योत्सव में तीन दिन तक आदिवासी नृत्य का भी आयोजन किया गया है, जिसमें राज्य के लोक कलाकार सहित विदेशों से आए कलाकार भी पारंपरिक कला का प्रदर्शन करेंगे।