खबर का असर: प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दबंगो ने हटाया सड़क से कब्जा, आवागमन हुआ बहाल

फ़टाफ़ट न्यूज़/सीतापुर || अनिल उपाध्याय

सरगुजा…आवागमन के लिहाज से शासकीय भूमि पर बनाई गई तीन पीढ़ी पुरानी सड़क को प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दबंगो ने अपना कब्जा हटा लिया हैं। एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद गांव जाकर राजस्व अमला ने सड़क से कब्जा हटाते हुए आवागमन बहाल करा दिया हैं। जिससे लोगो ने राहत की सांस ली हैं।

उक्त मामला ग्राम पंचायत शिवनाथपुर के लकड़ापारा का हैं। जहाँ पूर्व काँग्रेसी विधायक स्व सुखदेव राम के परिवार समेत दर्जनों परिवार सैकड़ों वर्षों से निवासरत हैं। जिनके आने जाने हेतु यहाँ शासकीय भूमि पर कच्ची सड़क का निर्माण कराया गया था। जो लकड़ापारा के लोगो का आने जाने का एकमात्र साधन था। जिसे गांव के दबंग कुंभकरण, महेंद्र आ रामसाय, मधु, चंद्रिका आ बलराम एवं प्रेमचंद आ ठिभु सभी जाति उराँव ने अपनी जमीन बता उस पर कब्जा कर लिया था। कब्जे के बाद घेराबंदी करते हुए दबंगों ने सड़क की जुताई कर दी थी। जिससे मुहल्ले के दर्जनों परिवार का निकलना मुश्किल हो गया था। दबंगो के आतंक से विधायक के परिवार समेत दर्जनों परिवार के सदस्य घरों में कैद होकर रह गए थे। सड़क पर दबंगो द्वारा की गई घेराबंदी का खामियाजा स्कूली बच्चों को भी भुगतना पड़ रहा था। सड़क के अभाव में स्कूल नही जा पाने के कारण बच्चो की पढ़ाई प्रभावित होने लगी थी। यह देख पीड़ित पक्ष ने सड़क की घेराबंदी करने वालो के विरुद्ध थाने में रिपोर्ट दर्ज करा उचित कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद जांच करने गांव पहुँची पुलिस की भी दबंगों के सामने एक न चली। पुलिस ने दबंगों को समझाइश देते हुए कब्जा हटाने के निर्देश दिए थे। जिसे मानने से इंकार करते हुए दबंगो ने सड़क से घेराबंदी हटाने से मना कर दिया था। मामला तूल पकड़ने के बाद एसडीएम एवं तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद राजस्व अमला गांव पहुँच सड़क से कब्जा हटा आवागमन बहाल कराया।

आरआई पटवारी के कारण निर्मित हुई विवाद की स्थिति-

ग्राम शिवनाथपुर में हुई सड़क विवाद के पीछे मुख्य कारण आरआई और पटवारी थे। जो नापजोख के बाद शासकीय भूमि की सड़क को कब्जा करने वालो की नीजि भूमि बता दिया। जिसके बाद कुंभकरण समेत अन्य ने एकमत होकर सड़क पर कब्जा कर घेराबंदी कर दिया। बाद में सड़क की जुताई करते हुए सैकड़ो वर्ष पुरानी सड़क पर आवागमन बाधित कर दिया। आरआई और पटवारी के इस लापरवाही का खामियाजा गांव वालों को भुगतना पड़ा। इस गलत निर्णय से गांव में दो फाड़ हो गया था। जिससे गांव में शांतिभंग होने के साथ अप्रिय स्थिति निर्मित हो गई थी। जिसकी वजह से कभी भी गांव का माहौल खराब हो सकता था।

दोनों पक्षो में समझौता के बाद खुलवाया गया रास्ता-

सड़क घेराबंदी का मामला तूल पकड़ता देख प्रशासन तत्काल हरकत में आई। इस संबंध में तहसीलदार मुखदेव यादव ने बताया कि, दोनों पक्षो को समझाइश देकर रास्ता खुलवा दिया गया हैं। दोनों पक्षो के बीच सुलह समझौता हो जाने से अब गांव की स्थिति सामान्य हैं। लोगो अब उस सड़क से आना जाना करने लगे हैं।

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