अम्बिकापुर (फटाफट न्यूज) | पारसनाथ सिंह
The Dilapidated Condition of Schools in Surguja: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 700 से ज्यादा स्कूल भवनों को हालत खराब हो गई है, वहीं 100 से ज्यादा ऐसे स्कूल हैं, जो अति जर्जर हो गए है। जहां अब कक्षाएं नहीं लगाई जाती, बल्कि वैकल्पिक तौर पर अतिरिक्त कक्ष और सार्वजनिक भवनों में कक्षाएं संचालित की जा रही है। बता दें कि, नया शिक्षा सत्र की शुरुआत होते ही, स्कूल भवनों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है, कहीं छत का प्लास्टर उखड़ रहा है, तो कहीं पानी टपक रहा है। ऐसे में स्कूली बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।
सीतापुर में जर्जर स्कूल भवन में पढ़ाई
ऐसे ही मामला सीतापुर ब्लॉक से सामने आया है। यहां ग्राम केशला में स्थित प्राइमरी स्कूल में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने पर मजबूर है। स्कूल की हालत जर्जर होने की वजह से छत का प्लास्टर नीचे गिरते रहता है। जिससे हमेशा अप्रिय घटना होने की संभावना बनी रहती है। स्कूल में पदस्थ शिक्षिका रुखसाना बेगम के मुताबिक, जर्जर भवन होने की वजह से बच्चों को ठीक से नहीं पढ़ा पाते। पहली से लेकर पांचवी तक के बच्चों को एक ही जगह पर बैठाकर पढ़ाना मजबूरी है। सभी की पढ़ाई एक ही कमरे में करा रहे है, ऐसे में एक क्लास के बच्चे को पढ़ा रहे है, तो उसके वजह से दूसरा बच्चा नहीं पढ़ पाता है। उन्होंने आगे बताया कि, इस संबंध में कई बार शिकायत किया गया है। संकुल से विभाग को पत्र जाता रहता है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुआ।
प्रस्ताव शासन को भेजा गया है – डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी संजय गूहे ने बताया कि, सरगुजा जिले में 732 जर्जर स्कूल है, और 137 अति जर्जर स्कूल है। सभी का प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया गया है, जो स्वीकृत होकर राशि आई है, उसे जिला पंचायत को दे दिया गया है। किसी बच्चे को अति जर्जर स्कूल में नहीं पढ़ाया जा रहा है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय में दो शिफ्ट में चलाए जा रहे है या अतिरिक्त कक्ष, सार्वजनिक भवन में कक्षाएं लगाई जा रही है। सरकार तरफ से दो करोड़ की राशि आ चुकी है। चार से छह महीने में काफी स्कूल बन जाएंगे।
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