कुल सचिव के कक्ष में घुसकर अभाविप ने लगाये नारे

  • पुर्नमूल्याकन से पूर्व पूरक परीक्षा आयोजन का किया विरोध

अम्बिकापुर

सरगुजा विश्वविद्यालय द्वारा पुर्नमूल्याकन के परीणाम से पहले पूरक परीक्षा आयोजित कर दिये जाने का विरोध करते हुये आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने विवि के कुल सचिव के कक्ष के अंदर घुसकर जमकर नारेबाजी की। कुल सचिव के टेबल को ठोकते हुये कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को पूरा करने लिखित में आश्वासन देने की बात पर अड़े रहे। यहीं नहीं कार्यकर्ताओं ने कुल सचिव के कक्ष में घुसते ही वहां का पंखा बंद कर दिया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि हम जब अपनी मांग को लेकर धूप में बैठे थे तो कुल सचिव अंदर पंखे की हवा खा रहे थे। इस कारण से कार्यकर्ताओं ने पंखा बंद करवा दिया। खैर कार्यकर्ताओं की मांग तो जायज थी लेकिन हमेशा अनुशासन की बात करने वाले कार्यकर्ताओं द्वारा कुल सचिव के कक्ष में घुसकर चूड़ी पहनने के नारे लगाना व पंखे को बंद कर देना अभ्रदता का परिचायक है।

अभाविप के पदाधिकारी व कार्यकर्ता सहित छात्र-छात्राएं आज अपनी मांगों को लेकर सरगुजा विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन पहुंचे थे। अभाविप की मांग थी कि जिन लोगों ने फेल होने के बाद पुर्नमूल्याकन फार्म भरा था। उसमें कई छात्र पूरक आ गये। लेकिन पूरक परीक्षा का परिणाम सामने आने से पहले ही विश्वविद्यालय द्वारा पूरक की परीक्षा ले ली गई। जिससे कई छात्रों का एक वर्ष खराब होने की स्थिति में है। कार्यकर्ताओं ने प्रभावित छात्र-छात्राओं की परीक्षा अलग से लेने की मांग की। कुल सचिव इसका कोई भी जवाब नहीं दे पा रहे थे। पूर्व विश्वविद्यालय अध्यक्ष दीक्षा अग्रवाल ने कहा कि पिछले सत्र से ही इस पुर्नमूल्याकन व पूरक परीक्षा की तिथियों के लिए अभाविप संघर्षशील है। परंतु विश्वविद्यालय की आलसी कार्य शैली के कारण छात्र दीपक यादव केआर टेक्नीकल के साथ 150 छात्रों का छात्र जीवन अंधकारमय है। अभाविप के उपेन्द्र यादव ने इस कार्य की निंदा करते हुये कुल सचिव से पांच दिवस के अंदर कार्यवाही कर सूचित करने का लिखित आश्वासन लिया। मानिसिक रूप से प्रताडि़त छात्र-दीपक ने विश्वविद्यालय परिसर में उचित कार्यवाही न होने की स्थिति में आत्मदाह करने की बात कहीं व पूर्णरूप से विश्वविद्यालय को दोषी ठहराया। कार्यकर्ताओं ने लिखित में आश्वासन देने की बात की। इस बात पर घंटो तक बहस चलती रही। आखिरकार कुल सचिव ने पांच दिन का समय देकर उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया तब जाकर प्रदर्शन कारी लौटे। इस दौरान लता जायसवाल, प्रियंका गुप्ता, संदीप गुप्ता, प्रिन्स तिवारी, राहुल जायसवाल, बंटी जायसवाल, धीरज लाल, महेश्वर, विशाल, हिमांशु, मृणाल, पवन, कुंदन, रिंकी, प्रियेश सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।