24 कुण्डीय गायत्री यज्ञ का भव्य समापन :दीप यज्ञ, पूर्णाहूति में शामिल हुये हजारों श्रद्धालु

अम्बिकापुर/उदयपुर

ब्लाॅक मुख्यालय उदयपुर के गायत्री शक्ति पीठ उदयपुर में 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन आठ फरवरी से प्रारंभ होकर ग्यारह फरवरी तक किया गया । आयोजन में हरिद्वार से पधारी मंडली के सदस्यों ने गीत व प्रवचन के माध्यम से सतमार्ग पर चलते हुये स्वयं तथा देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रेरित किया। दिनांक 8 फरवरी को कलश यात्रा के साथ यज्ञ आरंभ हुआ जिसमें हजारों महिलाओं ने कलश उठाकर गीत संगीत के साथ नगर का भ्रमण किया, नगर भ्रमण पश्चात् यज्ञशाला में कलश स्थापना की गई। सायंकाल में संगीत प्रवचन समुह साधना कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं शामिल हुये। 9 फरवरी को प्रातः 6 से 7.30 बजे तक पंच कोषीय ध्यान, प्रज्ञा योग व्यायाम, 8 से 11 बजे तक गायत्री महायज्ञ एवं सोलह संस्कार जिनमें प्रमुख रूप से पुंशवन, विद्या, नामकरण, गुरूदीक्षा, उपनयन, मुंडन संस्कार थे जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। दोपहर 2 बजे से प्रत्येक दिन कार्यकर्ता गोष्ठी एवं सायं सात 6 बजे से unnamed (4)गौ,गंगा,गीता,गायत्री और गुरू का विशेष विडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। 10 फरवरी को भव्य दीप यज्ञ का आयोजन किया गया जहां लगभग 2000 दो हजार की संख्या में दीप प्रज्जवलित किया गया जिससे यज्ञ प्रांगण दिव्य प्रकाश प्रकाशवान हो गया, जिसमें नगर सहित आसपास की ग्रामीण महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यज्ञ स्थल पर हो रहे मंत्रोच्चार एवं आहूतियों से निकलने वाली वैदिक उर्जा का संचार सम्पूर्ण अंचल में हो इसके लिये यज्ञ समिति सदस्यों द्वारा सम्पूर्ण उदयपुर ग्राम में लाउड स्पीकर का उपयोग किया गया । जिससे निरंतर चार दिवस तक जो लोग यज्ञ स्थल तक पहुंचने में असक्षम थे उन्होने भी यज्ञ स्थल पर हो रहे गतिविधियों से अपने आप को जोड़े रखा। यज्ञ स्थल के आसपास मेले सा माहौल बना रहा जहां हरिद्वार एवं अन्य धार्मिक स्थलों से पधारे लोगों द्वारा धार्मिक साहित्य एवं लाभकारी आयुर्वेदिक औषधि का प्रर्दशन किया गया। 11 फरवरी को गायत्री महायज्ञ, संस्कार के साथ पूर्णाहुति की गई एवं टोली की विदाई किया गया। विदाई की बेला मंे महिला पुरूष सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो गये एवं हरिद्धार से आयी टोली का हार्दिक आभार प्रकट किया। आयोजन के प्रथम दिन से ही भण्डारे का आयोजन भी किया गया था जिसमंे इस अंचल के लोग शामिल हुये एवं प्रसाद ग्रहण किया। चार दिनों तक चले इस आयोजन में गायत्री परिवार के लोग एवं यज्ञ समिति के सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किया। समिति के सदस्यों ने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से यज्ञ को सफल बनाने वाले सभी भक्तजनों का हार्दिक आभार प्रकट किया।