12 जून को इस्तीफा… तो 13 जून की कार्यवाही औचित्यहीन : दानिश

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष एंव बिहार सरकार मे शिक्षामंत्री अशोक चौधरी के साथ दानिश रफीक
  • दानिश ने कहा इन सब को इतना ही कहूंगा .. गुड नाईट 
  • 12 जून को अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष को मेल कर दिया था .. दानिश 
  • मैने कभी अपने आप को राष्ट्रीय सचिव नही कहा .. दानिश 
  • सरगुजा लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति नियम के अनुसार हुआ थी  

अम्बिकापुर 

यूथ कांग्रेस के नेताओ द्वारा आज सर्किट हाउस मे आयोजित प्रेस कांफ्रेस मे लगाए गए आरोपो पर दानिश रफीक ने पलटवार किया है। पूर्व यूथ कांग्रेस नेता और अब जोगी की नई पार्टी मे शामिल दानिश रफीक ने कहा कि खुद को युवक कांग्रेस के नेता बोलने वाले निलंबित युवक कांग्रेसी को दो साल पहले राष्ट्रीय सचिव मनीष ठाकुर जी के द्वारा सस्पेंड किया जा चुका है।  वही अपने उपर लगे आरोपो पर दानिश रफीक ने कहा कि मैंने कभी अपने आप को कभी युवक कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव नही कहा है, मै प्रोवेजनली सेकेट्री राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य के तौर पर 9 अगस्त 2014 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बिहार प्रभारी के तौर पर कार्य कर रहा हूं ।  इतना ही नही अपने और यूथ कांग्रेस के अन्य पदाधिकारियो के इस्तीफे के संबध मे श्री रफीक ने कहा कि जब मेरे द्वारा 12 जून को ही इस्तीफा दे दिया गया , तो 13 जून को मुझ पर की गई कार्यवाही का कोई औचित्य बनता ही नहीं है ।

दानिश रफीक ने अपने उपर लगे आरोपो पर एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि रायपुर और दिल्ली में हुए कई कार्यक्रमों में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बरार  ने मंच से उद्बोधन में मेरे नाम के आगे राष्ट्रीय सचिव लगाया है ।  ऐसे मे इन सब बातो की पुष्टी के किसी ऐसे आदमी के सामने करने की आवश्यकता नही जिसका खुद कोई जमीनी आधार नहीं है।  कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य दानिश रफीक ने कहा कि  दिनांक 12 जून 2016 को शाम 5:45 मिनट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजा बरार जी से बात करने के तत्काल अपना इस्तीफा मेल के माध्यम से दिल्ली भेज दिया था।

सरगुजा लोकसभा के मसले पर दानिश ने कहा है कि मुझे राष्ट्रीय नेताओ द्वारा दिल्ली और बिहार में कार्यो मे संलग्न कर दिया गया था । इस कारण सरगुजा लोकसभा अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया था। दूसरी तरफ सरगुजा लोकसभा के उपाध्यक्ष अनुपम फिलीप को संगठन विरोधी कार्य करने के कारण दो वर्षो पहले ही युवक कांग्रेस के राष्ट्रीव सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी मनीष ठाकुर द्वारा सस्पेंड कर दिया गया था। ऐसे मे नियम के मुताबिक किसी भी महासचिव को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना जाना था । लिहाजा मुझे यह निश्चित करना था की सरगुजा लोकसभा में सबसे अच्छा कार्य किस महासचिव का है और मेरे द्वारा दिनांक 1 अक्टूबर २०१५ को राष्ट्रीय सचिव एवं छतीसगढ़ प्रभारी संतोष कोलकुन्डा और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उत्तम वासुदेव  को 4 :55 बजे मेल के माध्यम से नई कार्यकारणी के विस्तार के लिए अनुमति मांगी गई थी।  यूथ कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दानिश रफीक के मुताबिक उस समय भटगांव विधानसभा अध्यक्ष के ऊपर अपराधिक मामला चल रहा था । प्रेमनगर विधानसभा अध्यक्ष को लोकसभा सचिव बना दिया गया था,  जिससे उसका पद भी रिक्त हो गया था, प्रतापपुर और सीतापुर के विधानसभा अध्यक्ष की निस्क्रियता के कारण उनको सस्पेंड किया जा चुका था ।  इस लिए नई कार्यकारिणी का गठन की अनुमति  दिनांक 1 अक्टूबर 2015 को राष्ट्रीय सचिव एवं छतीसगढ़ प्रभारी संतोष कोलकुन्डा जी के द्वारा 5:17 बजे मेल के माध्यम से मुझे दी गई । जिसे मैंने 2 अक्टूबर को प्रेस के माध्यम से सार्वजनिक भी किया था ।  ऐसे अगर उस समय किसी को आपत्ती थी तो अपनी बातो को पार्टी फोरम मे रखना था।

कांग्रेस छोड कर जोगी का दामन थामने वाले दानिश रफीक ने यूथ कांग्रेस नेताओ द्वारा लगाए गए आरोपो पर कहा है कि वैसे भी आधार हीन बात का कोई औचित्य नही होता मेरे पास एक एक चीज के पुख्ता प्रमाण मौजूद है, इन तथाकथित लोगो का आरोप बेबुनियाद है क्योकी आज की स्थिति में सरगुजा लोक सभा की कमेटी शून्य है । आठो विधान सभा की कमेटिया भंग है । इस बौखलाहट और अपनी पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए ऐसे नेता जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे है क्योकि इनका कोई जमीनी जनाधार है ही नहीं है । अंत मे दानिश ने कहा कि इन सब को इतना ही कहूंगा गुड नाईट । 

 

आगे पढिए … इससे पहले यूथ कांग्रेस ने क्या क्या लगाए थे आरोप 

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