सालों से एक ही डीलर को सफ्लाई का ठेका … निगम में कमीशन का खेल जारी

NAGER_NIGAM_AMBIKAPUR, नगर निगम अम्बिकापुर
NAGER_NIGAM_AMBIKAPUR
अम्बिकापुर 
  • कर्मचारियोे को वेतन नहीं , अधिकारी खेल रहे कमीशन का खेल
  • विद्युत सामग्री खरीदी  की निविंदा में निगम का गड़बड़झाला
  • कई सालों से एक ही डीलर के नाम सफ्लाई का ठेका
  • 40 लाख के टेंडर में राशि डाली पर सामग्री की मात्रा नहीं 
नगर पालिक निगम द्वारा सड़क बत्ती प्रकाश व्यवस्था के लिए लाईट सेट क्रय करने  के लिए निकाली गई 40 लाख की दो निविदा  में राशि तो डाली गई पर सामग्री की मात्रा का कोई अता पता नहीं । टेंडर जब खुलना था तब खोला नही और मनमुताबिक तिथि पर बिना  किसी को जानकारी दिए टेंडर खोल दिया गया ।
लाईट सेट क्रय करने की पूरी प्रकिया में शुरू से ही निगम के अधिकारियों द्वारा गड़बड़झाला किया गया।  निविदा प्रकाशन किसी भी आंचलिक व प्रादेशिक समाचार पत्र में होना चाहिए था परन्तु एैसा नही हुआ । निगम कर्मचारियों पर शक की सुई सहीं आकर खड़ी हो जाती है। कि अधिकारियों  ने 1 निविदा को दो आंचलिक व दूसरे निविदा को दो प्रादेशिक समाचार पत्र मे निकलवाया । सामग्री क्रय में कमीशन का खेेल यहां आकर पुष्ट हो जाता है कि कई सालो से विद्युत सामग्री का टेंडर एक ही डीलर के नाम खुलता आया   है। इस बार 10 अगस्त को 18 लाख 59 हजार सहित 12 अगस्त को 19 लाख की निविदा  निकलने के बाद सामग्री क्रय के लिए सात फार्म बिके । उनमें से पांच डीलरों ने फार्म भरा । मजे की बात यह है कि दोनो निविदा में उसी डीलर को टेंडर मिला जिसे वर्षो से मिलता आ रहा है। यह इत्तेफाक नहीं हो सकता । निगम के विद्युत प्रभारी का क्रियाकलाप यहीं पर आकर संदेहास्पर्द्ध हो जाता है। यहीं नहीं टेंडर खोले जाने  का दिनांक कुछ और दिया गया था और टेंडर किसी और दिनांक को खोला गया । टेंडर खोलने से पूर्व अन्य डीलरों को इसकी खबर देना जरूरी था  पर कमीशन के इस खेल में पूरी निविदा गुपचुप तरीके से सम्पन्न कर दी गई।
गौरतलब है कि नगर निगम द्वारा विद्युत के मरम्मत संधारण के नाम पर प्रतिवर्ष 55- 56 लाख का टेंडर निकाला जाता है । बावजूद इसके की वर्तमान में निगम के विभिन्न विभागो में अभी तक कर्मचारियों को दो तीन माह से वेतन तक नहीं मिला और निगम द्वारा लाखों का टेंडर मात्र एक डीलर के हवाले कर दिया जा रहा है। कर्मचारियों को वेतन मिले या ना मिले परन्तु अधिकारी  कमीशन में मिलने वाले मोटी रकम से अपनी जेब  जरूर भर रहे है। लाखों की  निविदा मेें हुए गड़बड़ झाले को लेकर निगम के विद्युत प्रभारी अनिल शुक्ला से जब देशबन्धु ने जवाब मांगा तो उनका कहना था कि हम रोस्टर के अनुसार समाचार पत्रों का चुनाव कर निविदा प्रकाशन कराते है।  विद्युत सामग्री की खरीदी के लिए तीन दिनो मे दो निविदा अलग – अलग निकालने की बात पर उन्होने कहा कि दोनो निविदा का नेचर अलग है। इसलिए अलग-अलग टेंडर निकाला गया । दोनो टेंडर  में राशि डालने और खरीदी की मात्रा नहीं डालने की बात पर भी उनका जवाब गोल – मोल ही था । बहरहाल विद्युत सामग्री खरीदी के लिए सम्पन्न कराई गई टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से संदेहास्पद  है । अन्य डीलरो ने भी इस   गुपचुप प्रकिया पर उंगली उठाते हुए इसकी पूरी जांच किये जाने की मांग की है ।
जानकारी लेता हूं-महापौर
 नगर निगम के महापौर डा. अजय तिर्की ने कहा निविदा प्रकाशन में नियमों का पालन अगर नहीं किया गया है तो मैं इसकी जानकारी लेकर जांच करवाता हूं। निविदा में राशि लिखने और सामग्री की मात्रा नही डालने की बात पर उन्होने कहा कि यह कोई जरूरी नही कि मात्रा डाली जाये ।
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