सफेद हाथी साबित हो रहा चिरमिरी का अस्पताल : नाम का है अस्पताल

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चिरमिरी से रवि कुमार सावरे की रिपोर्ट 

     समस्या

  • डेढ़ दषक पहले अपग्रेड हुआ था चिरमिरी का सरकारी अस्पताल,
  • सुविधाएं अभी भी पीएचसी स्तर की

नाम का अस्पताल

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प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र(पीएचसी) चिरमिरी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र(सीएचसी) का दर्ज तो बहुत पहले मिल चुका है, लेकिन यहां सुविधाओं में इजाफा अभी भी नही किया गया है। ऐसे में चिरमिरी क्षेत्र के लोगो को सरकारी स्तर से समुचित उपचार नही मिल पा रहा है।

स्वस्थ्य विभाग ने करीब 10 वर्ष पहले चिरमिरी के अस्पताल को अपग्रेड कर सामुदायिक स्वस्थ्य केन्द्र का दर्जा दिया था। इससे यहा स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की उम्मीद जागी, लेकिन हकीकत यह है कि अस्पताल में अभी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की है सुविधाएं उपलब्ध है। आलम यह है कि सरकारी अस्पताल में एक विषेषज्ञ चकित्सक है, जबकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पांच स्पेषलिस्ट डाॅक्टर पदस्थ किए जाने का प्रवधान है। 10 वर्ष पहले प्राथमिक स्वास्थ्य की शुरुआत के समय पैरामेडिकल स्टाफ के जो पद स्वीकृृत थे, उनमें भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। यही आलम उपचार के लिए आवष्यक अन्य सुविधाओं का भी है। पर्याप्त संसाधन नही होने के कारण चिरमिरी क्षेत्र की जनता को अस्पताल में समुचित उपचार मुहैया नहीं हो पाता है। जब भी कोई गंभीर मामला आता है तो उसे जिला अस्पताल रैफर करना चिकित्सकों की मजबुरी बना हुआ है।

 

ये है स्टाफ की स्थिति

चिरमिरी के सरकारी अस्पताल में इस समय महज 3 चिकित्सक पदस्थ है। जिसमें एक संविदा के रुप में कार्यरत है, बाकी दो डाॅक्टर जो सिर्फ प्लेन एमबीबीएस है, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक एनस्थीसिया विषेषज्ञ, एक सर्जन एक स्त्री रोग विषेषज्ञ, एक एमडी मेडिसिन, जबकि एक बाल्य एवं षिषु रोग विषेषज्ञ, होने चाहिए। इसके अलावा आधा दर्जन मेडिकल आॅफिसरों के पद भी सामुदियक स्वास्थ्य केन्दों के लिए निर्धारित है। अस्पताल में इस समय सिर्फ 6 स्टाफ नर्सेे पदस्थ है, जबकि इनकी संख्या 10 होनी चाहिए। अन्य पद भी नही बढाए गए है।

10 सालों से विषेषज्ञ डाॅक्टरों का इंजार

चिरमिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र में यहा पिछले 10 सालो से विषेषज्ञ चिकित्सको का इंतजार किया जा रहा है। स्पेषलिस्ट डाॅक्टरों के 6 पद राज्य सरकार ने वर्ष 2004 में स्वीकृत किए थे, लेकिन इन्हे अभी तक नही भरा जा सका है। 1 लाख कि अबादी वाले चिरमिरी क्षेत्र के सरकारी सरकारी अस्पताल में इस समय महज दो चिकित्सक पदस्थ है। उल्लेखनीय है कि चिरमिरी का सरकारी अस्पताल 40 साल पुराना है। अंचल के दो सैकड़ा लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य केन्द्र मे उपचार की आस लेकर आते है, लेकिन चिकित्सकों की कमी से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है।

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सभी के लिए एक ही वार्ड

चिरमिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र में डाॅक्टरो की कमी के कारण महिलाओ एंव पुरुषों को साथ प्रसुतिता को भी सभी के ही वार्ड में भर्ती किया जाता

 

प्रसूति गृह के लिए तय मानक

अधिनियम की धारा 2 (ड.) के आनुसार 2.1 के (क) सभी प्रसूति गृत को आपातकालीन आधार पर सक्षन और इवेक्युएषन, डाइलेषन और क्योरेटज, सिजेरियन सेक्षन और सिजेरियन हिस्टेरेक्टाॅमी जैसी प्रकियाएॅ निष्पादित करने लिए सक्षम होना चाहिए।

डाँ प्रदिप रोहण 

चिरमिरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र के इंर्चाज डाॅक्टर प्रदिप रोहण का कहना है कि इस विषय मे मैं कुछ नही कहा सकता आप बडे अधिकारी से बात करे ।