शहर की तीन बालिकाएं बनी अंतराष्ट्रीय बास्केटबाल खिलाडी

अम्बिकापुर

सरगुजा जिले की तीन होनहार महिला बास्केटबाल खिलाडियो ने पूरे देश मे अपना नाम रोशन किया है,,, साथ ही छत्तीसगढ और अपने जिले का नाम अंतराष्ट्रीय पटल पर स्थापित किया है,,, दरअसल इन तीनो खिलाडियो ने फ्रांस में आयोजित वल्ड कप चैंपियनशिप मे हिस्सा लिया था,,, और अब जब वो वापस अपने गृह शहर पंहुची,,, तो साथी खिलाडियो के साथ ही कोच और पूरे जिले वासी जिले की इन वि·ा स्तरीय प्रतिभाओ की काबलियत को सलाम कर रहे है………..

निशा कश्यप , बबिता तिग्गा, और जोशिना बडा ….. सरगुजा जिले के ये उन तीन होनहार बास्केटबाल खिलाडियो के नाम है…. जिसने गरीबी और मुफलिसी भरे जीवन में भी बास्केटबाल जैसे खेल को चुना,, और जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के बास्केटबाल संघ मे दाखिला लेकर खेल की शुरुआत की,,, संसाधनो के आभाव से भरे बास्केटबाल संघ के मैदान मे बास्केटबाल खेलते हुए तीनो ने राज्य स्तरीय, राष्ट्र स्तरीय और फिर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल का लोहा मनवाया,, कहते है कि प्रतिभा विपरीत परिस्थितियो मे भी उभर कर सामने आ जाती है,,, लिहाजा निशा , बबिता, और जोशिना तीनो अपने परिवार की खराब आर्थिक स्थिती के बावजूद बास्केटबाल खेल के लिए जमकर मेहनत की,, और तीनो पिछले दिनो फ्रांस में आयोजित अंडर सेवेन्टीन वल्ड कप चैंपयिनशिप में भारत की टीम का हिस्सा भी बन गई… और अब फ्रांस के खेल वातावरण को देखकर अपने गृह Untitled_0178 033 (4)जिले पंहुची खिलाडियो ने शासन प्रशासन से खेल सुविधा बढाने की मांग की है।

अप्रैल महीने में फ्रांस वल्ड कप खेल कर अब ये तीनो खिलाडी अम्बिकापुर के गांधी स्टेडियम में अपने साथी खिलाडियो के लिए प्रेरणा का केन्द्र बनी है,, साथ ही अपने अभ्यास को अम्बिकापुर के ही संसाधन विहीन बास्केटबाल मैदान में जारी कर दिया है,,, इधर निशा , बबिता और जोशिना जैसे अंतराष्ट्रीय खिलाडियो को अर्स से फर्स तक लाने वाले सरगुजा बास्केटबाल संघ के कोच राजेश प्रताप सिंह उनके इस मुकाम तक पंहुचने को लेकर आ·ासत तो थे,, लेकिन ऐसे और खिलाडियो को तैयार करने के लिए वो गांधी स्टेडियम के आभावग्रस्त मैदान को बेहतर बनाने के लिए शासन प्रशासन से गुजारिश कर रहे है…

अम्बिकापुर के घरेलू मैदान से लेकर फ्रांंस के वि·ा स्तरीय बास्केटबाल मैदान तक के सफर मे निशा, बबिता और जोशिना ने कई उतार चढाव देखे,, आर्थिक रुप से कमजोर परिवार से आने वाली इन होनहार महिला खिलाडियो ने निश्चित तौर पर अपने देश, छत्तीसगढ और अम्बिकापुर का नाम रोशन किया है,, और उनकी इस प्रतिभा ने शहर के खेल प्रेमियो , उनके परिजनो और बास्केटबाल खिलाडियो मे एक नई उर्जा का संचार किया है,,, जो आने वाले समय में ये तीनो और प्रतिभावान खिलाडियो के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है…