वाह रे सरकार..! शराब हो गई “सरकारी” पर गुरूजी है “कर्मी”

@Deshdeepakgupta

अंबिकापुर शिक्षा कर्मियों के आन्दोलन के बीच एक बात ऐसी सामने आई है जो आपको भी इस आन्दोलन के विषय में सोचने पर मजबूर कर देगी… बात दरसल ऐसी है की पिछले साल प्रदेश की संवेदनशील सरकार ने प्राइवेट ठेके पर बिकने वाले शराब का संविलियन करते हुए उसे सरकारी कर दिया है.. नतीजन उपभोक्ताओ के तो नहीं लेकिन आबकारी विभाग के राजस्व के अच्छे दिन जरूर आ गए है.. लेकिन प्रदेश के नौनिहालों का भविष्य गढ़ने की जिम्मेदारी जिन कंधो पर है.. निवास, जाती प्रमाण पत्र से सरकार बनाने के लिए इलेक्शन ड्यूटी तक का भार उठाये गुरूजी शिक्षा कर्मी या पंचायत शिक्षक है.. सरकार ने शराब को तो खुले मन से अपना लिया है लेकिन इन लोगो को अपनानें में कतरा रही है.. लिहाजा शिक्षा कर्मियों के हड़ताल के बीच सरगुजा के शिक्षाकर्मियों के हड़ताल को अब और भी बल मिल गया है.. दरसल आज आंदोलित शिक्षा कर्मियों ने वर्ष 2003 और 2008 में भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र का का वितरण आम लोगो में किया.. जिसके पीछे वजह यह थी की भाजपा ने सत्ता में आने के लिए शिक्षाकर्मियों से जो वादे किये थे वो अब उन्हें पूरा करने में कतरा रही है.. शिक्षाकर्मियों का यह भी कहना है की देश के प्रधान मंत्री कहते है की भाजपा चुनाव में घोषणा पत्र नहीं बल्की संकल्प पत्र लाती है.. जो इस बात का संकल्प होता है की सत्ता में आने के बाद संकल्प पत्र में लिखे वादों को पूरा किया जाएगा.. लेकिन छतीसगढ़ सरकार अपने वादे से मुकर रही है..

इधर शिक्षाकर्मियों के पर्चे बांटने के बाद से ही उनके आन्दोलन को मिलने वाला समर्थन भी बढ़ने लगा. अभी तक तो विभिन्न राजनैतिक दल के नेताओ ने ही समर्थन दिया था लेकिन आज सरगुजा में हो रही इस हड़ताल को शिक्षक कांग्रेस, छतीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन सरगुजा व वन कर्मचारी संघ का भी समर्थन प्राप्त हो गया है…

बहरहाल शिक्षाकर्मियों के लिए यह सुखद समाचार है की शासन के अधीन काम करने वाले सबसे बाहुल्य समाज का समर्थन भी अब उनके साथ है.. लेकिन फिलहाल अब तक कोई बात नहीं बन सकी है.. वही प्रशासन ने मांग पूरी करना तो दूर उनसे बात करना भी मुनासिब नहीं समझा और हड़ताल स्थल का टेंट उखड कर जब्त कर लिया है..

जकांछ नेता दानिश भी समर्थन में..
जब प्रशासन हडताली शिक्षा कर्मियों का तम्बू उखाड़ने पहुचा तो वहां उनके समर्थन में जनता कांग्रेस छतीसगढ़ के नेता दानिश रफीक भी मौके पर पहुच गए.. और शिक्षाकर्मियों के साथ उनके समर्थको ने प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी की.. इस दौरान दानिश ने कहा की उनकी पार्टी शिक्षाकर्मियों के साथ हर समय कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी.. प्रशासन ने बर्बरता पूर्वक बर्ताव किया है.. लेकिन इससे हड़ताल समाप्त नहीं होगी.. दानिश ने कहा की रमन सरकार ने शराब संविलियन कर दिया लेकिन शिक्षाकर्मियों का संविलियन नहीं कर पा रही है..