वनअधिकारियो की छूट से लकडी की तस्करी चरम पर

अम्बिकापुर

उदयपुर क्षेत्र मेे लकड़ी तस्करों के  साथ मिलकर ग्रामीणोें द्वारा लकड़ी काटने और उसका चिरान बनाकर तस्करी किये जाने की सूचना पर सोमवार की देर शाम अम्बिकापुर उड़नदस्ता दल ने सर्च वारंट के साथ उदयपुर पहुंच पतरापारा के चार ग्रामीणों कें घर दबिश दी और बड़ी संख्या में  साल और शीशम का चिरान जप्त किया  है।

चारों घर में उड़दस्ता दल ने दबिश दी और सभी घरों में अवैध  तरीके से चिरान रखा मिला । जप्त चिरान की कीमत लगभग 30 हजार रूपए बतायी जा रही है। उदयपुर क्षेत्र में हरेभरेे  पेडो को काट  उसका  चिरान बना कुछ दिन अपने घर में छिपाकर रखने के बाद उसे फर्नीचर के तस्करों को बेचे जाने का मामला  लंबे समय से चर्चित रहा है।  वन विभाग के द्वारा इस पर कार्यवाई भी की जा रही है। सोमवार की देर शाम अम्बिकापुर के उड़नदस्ता प्रभारी ताराचन्द कच्छप के नेतृत्व में मुखबिर की सूचना पर दल पहुंचा और उदयपुर के पतरापारा में  हुबलाल ,  कुंजल राम , कमल साय ,  अतमानी के घर सर्च वारंट  लेकर छापा मारा तो सभी के घर से साल  और शीशम के चीरान  मिले । इन लकडियों को उडनदस्ता दल ने जप्त किया और चारों ग्रामीणों के खिलाफ वन अधिनियम 1927 की धारा 33 (1) क एवं चीरान अधिनियम 1961 के तहत कार्यवाई की गई है।  सभी के घर से पांच – पांच हजार से अधिक की लकड़ी बरामद की गई है।  सभी लकड़ी की अनुमानित  कीमत लगभग 30 हजार आंकी गई है। वन अमले की इस निरंतर कार्यवाई से क्षेत्र मंे अवैध लकड़ी रखने वालों में हड़कंप मच गया है। इस कार्यवाई में उड़नदस्ता प्रभारी ताराचंद कच्छप , परिक्षेत्र सहायक उदयपुर  नरेन्द्र कुमार गुप्ता ,  रामलोचन द्विवेदी , गिरीश  बहादुर  सिंह ,  सालिक राम , रामबिलास सिंह , ज्ञानचंद , दूध साय ,  दिनेश तिवारी ,  धनेश्वर सिंह ,  महिला वनरक्षक अरौलिया , अंशुमाला  सक्रिय  रहे ।