मुख्यमंत्री ने मंत्रियों की लिखी चिट्ठी : नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित शासन-प्रशासन में पारदर्शिता की जरूरत पर दिया जोर..

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस हमारी प्राथमिकता होगी: डॉ. रमन सिंह

प्रत्येक विभाग में ‘फ्लेगशिप’ योजनाओं को चिन्हांकित करने के निर्देश

रायपुर, 31 दिसम्बर 2013

 

DSC 0038ccछत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपनी सरकार के सभी मंत्रियों को नये वर्ष की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने मंत्रियों को आज भेजे गए नव वर्ष के अपने शुभकामना पत्र में राज्य शासन के प्रत्येक विभाग में सरकारी काम-काज में और भी ज्यादा पारदर्शिता लाने निर्देश दिए हैं। डॉ. सिंह ने कहा है कि प्रत्येक सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे और ‘जीरो टॉलरेंस’ हमारी प्राथमिकता होगी।

उन्होंने मंत्रियों को यह भी लिखा है कि वे अपने-अपने संबंधित विभागों में अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए प्रेरित करें और इसके लिए कड़ाई भी बरतें। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार ने शासन और प्रशासन को जनता के नजदीक ले जाने सरकारी काम-काज में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए लोकसेवा गारंटी अधिनियम, सत्यनिष्ठा संधि जैसे नियम कायदे लागू किए हैं। इनका लाभ सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है कि हमारी भावनाएं आम जनता तक पहंुचे। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को लिखा है कि इस कार्य में आम जनता की भागीदारी भी जरूरी है। सरकार और जनता सब मिलकर भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए समुचित वातावरण बनाने का प्रयास करें। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह सुखद संयोग है कि नये वर्ष की शुरूआत के साथ ही हमारी सरकार भी अपने नये दौर का काम-काज शुरू कर रही है। लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर देकर जनता ने हमारी नीतियों और योजनाओं पर विश्वास व्यक्त किया है। लोकतंत्र में तमाम चुनौतियों के बीच जनता के विश्वास पर खरा उतरना, जितनी बड़ी कसौटी है, उससे भी बड़ी कसौटी है कि हम पहले से अधिक गुणवत्ता के साथ जनहित के कार्य करें और छत्तीसगढ़ को विकास के नये शिखर तक पहंुचाएं। उन्होंने लिखा है कि विजय का गौरव अपने मस्तक पर धारण करते हुए हमें विनम्रता पूर्वक बेहतर कार्यो के लिए तैयार होना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को लिखा है कि विगत कार्यकाल में हमने शासन-प्रशासन को जनता के निकट ले जाने, काम-काज में पारदर्शिता लाने के साथ ही भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए ‘लोक सेवा गारंटी अधिनियम‘, ‘सत्यनिष्ठा संधि’ जैसे नियम-कायदे बनाकर लागू किए हैं। इनका लाभ सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि  हमारी भावना जनता तक पहुंचे। शासन से लेकर आम जनता तक भागीदारी बने और सब लोग एक लक्ष्य पूरा करने की ठान लें, इसलिए भ्रष्टाचार मुक्ति के लिए समुचित वातावरण भी बनाना होगा। भ्रष्टाचार के लिए ‘जीरो टॉलरेन्स’ हमारी प्राथमिकता होगी। सभी मंत्री अपने संबद्ध विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने हेतु प्रेरित करें और कड़ाई बरतें।

डॉ. रमन सिंह सिंह ने पत्र में यह भी लिखा है कि लगातार तीसरी बार सरकार की बागडोर सम्हालने से हमारे प्रति जनता की आकांक्षाओं का स्तर स्वाभाविक रूप से काफी बढ़ा है और हमें इसका पूरा सम्मान करना है। ऐसे में नवाचार एवं योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रभावशीलता पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा। मैं चाहूंगा कि मंत्रीगण अपने प्रत्येक विभाग में कम से कम ऐसी दो परियोजनाओं/योजनाओं को चिन्हित करें, जो विभाग ही नहीं बल्कि शासन और प्रदेश की ‘फ्लेगशिप स्कीम’ के रूप में पहचानी जाएं। केन्द्र द्वारा वित्त पोषित ऐसी योजनाएं भी चिन्हांकित की जा सकती हैं, जिनमें राज्य शासन का अंशदान होता है और उनके अमल में भी प्रदेश सरकार की भूमिका होती है। इन सभी योजनाओं की पहुंच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक होनी चाहिए और इनके फायदों से होने वाला बदलाव जनता को महसूस होना चाहिए।

डॉ. रमन सिंह ने पत्र में आगे लिखा है कि हम विभिन्न विभागों से प्राप्त ऐसी परियोजनाओं/योजनाओं में से प्रमुख 10-15 योजनाओं का चयन करेंगे और उनका क्रियान्वयन फास्ट ट्रैक पर करेंगे। इस हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त सशक्त समिति गठित की जाएगी, जिसमें वित्त, विधि तथा संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव सदस्य होंगे। समिति परियोजनाओं/योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित समस्त निर्णय लेने में सक्षम होगी। यह समिति यथोचित स्वीकृतियों तथा अनुमोदन की त्वरित व्यवस्था एवं नियमित समीक्षा करेगी। मंत्रिपरिषद भी इनकी प्रगति की तिमाही समीक्षा करेगी। उन्होंने लिखा है कि मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक में इस संबंध में चर्चा होगी तथा आपसी विचार-विमर्श से हम इस दिशा में जल्द आगे बढ़ सकेंगे।