मंडी चुनाव : राजनीतिक हलचल हुई और तेज

रायपुर

 कृषि उपज मंडी चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। हालांकि यह चुनाव गैर दलीय हैं लेकिन इसके बाद भी यहां मुख्य
पार्टियों की निगहें रहती हैं कि वो अपना सिक्का जमा लें। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की तरफ से इस चुनाव को लेकर तैयारियों को दौर है अब ऐसे में जिला प्रशासन ने मंडियों में शामिल किए जा रहे गांवों की सूची जारी कर दी है। तो चुनाव को लेकर और उबाल आ गया है। बताया जाता है कि इस सूची पर 4 अप्रैल तक दावा-आपत्ति की जा सकती है। अधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में पांच कृषि उपज मंडियां हैं। सभी में 10- 10 वार्ड बनाए गए हैं। गांवों की संख्या के लिहाज से आरंग जिले की सबसे बड़ी कृषि मंडी है। वहां के 10 वार्डों में 168
गांव शामिल हैं। दूसरे नंबर पर नेवरा है। नेवरा मंडी के चुनाव में कुल 137 गांवों के किसान शामिल हो सकते हैं। इसी तरह रायपुर कृषि
उपज मंडी 132 और नवापारा राजिम मंडी में 57 गांवों के किसानों को शामिल किया गया है। इधर, सूची के जारी होने के बाद दावा-आपत्ति
की जा सकेगी इसके बाद निवार्चन का काम शुरू हो जाएगा। पहली प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद दोनों ही पार्टियों के नेताओं में इस चुनाव
को लेकर सक्रियता देखी गई। अपने-अपने स्तर पर नेताओं ने इसके समीकरण बनाने की शुरूआत कर दी है।

पंचायत के बाद खास है मंडी चुनाव
पंचायत चुनाव के बाद मंडी चुनाव को सबसे खास माना जा रहा है। वजह यहां भी दोनों ही पार्टियों के बीच अपने वर्चस्व की लड़ाई सामने होगी। हालांकि इसमें सबकुछ पर्दे के पीछे से होगा, सामने सिर्फ चेहरे होंगे। ये वो होंगे जिन पर पार्टियों का साथ दिखाई देगा।