भाजपा नेता खोज रहे चाय-नास्ते का जुगाड़.. जनसंपर्क विभाग से फंड के लिए लोकसुराज में मांग

@krishnmohan

बलरामपुर इन दिनों लोक सुराज के तहत प्राप्त आवेदनों के समस्याओ को निराकृत करने अधिकारियों के समय से पहले पसीने छूटने लगे है,कोई अलग से फंड मांग रहा है,तो कही कोई सरकारी फंड के पैसों से निस्तार नही हो पाने पर फंड बढ़ाने की मांग कर रहा है, इसी बीच खबर आ  रही है, की जहाँ पत्रकारों के सत्कार के लिए फंड नही, उसी विभाग में अब नेता अपनी जुगत जुगाड़ लगा रहे है, तथा पार्टी नेताओ के लिए भी अलग से फंड निर्धारित करने की मांग हो रही है।

शिकायती आवेदन के प्रारूप में मिला-मांग पत्र

दरसल प्रदेश में भाजपा की सरकार बने चौदह बरस बीत चुके है,और राज्य की डॉक्टर रमन सिंह की सरकार 14 बरस से ग्राम सुराज के जरिये प्रदेश के ग्रामीणों से मुखतिब हो ग्रामीणों की समस्या से मुखातिब होती है,लेकिन समय के साथ साथ सरकार ने  लोक सुराज से लेकर ग्राम सुराज का  स्वरूप बदला  है,और अब सरकार पिछले एक साल से समाधान शिविर अयोजित कर रही है,जहाँ ग्रामीण अपने शिकायती आवेदन के निपटारे को सुनने को पहुँचते है।

माननीय की मांगने छका दिया सरकारी बाबुओं को

लेकिन माननीय जनप्रतिनिधि के लोक सुराज के तहत प्राप्त आवेदन ने न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को चौकाया है,बल्कि पत्रकार वर्ग भी इस मांग पत्र से चौक गया है,भला सत्ता पक्ष में होने के बाद लोगो की समस्यायें हल करना तो दूर ,सत्तापक्ष के सामान्य से कार्यकर्ताओ के हौसले इतने बुलन्द हो चले है,की उन्हें अब सरकारी खजानों के पैसो से नाश्ता और चाय चाहिए जो कि मुमकिन  नही है, और ऐस में प्रजातांत्रिक देश में करप्शन में कैसे कसावट आएगी।

अनुशासन हुआ बे लगाम-हर कोई है मंत्री

कहने को तो सत्तापक्ष एक  अनुशासित राजनैतिक पार्टी है,बावजूद इसके सत्ता पक्ष का मैदानी अमला अनुशासन का किस तरह पालन करता है, इसकी बानगी इसी से प्रतीत होती है,की  नेताओ को पत्रकारों के लिए गठित एक विभाग से चाय और नाश्ते चाहिए।