बेटियां कब तक चढती रहेगी दहेज की बलि ?

अम्बिकापुर 

समाज मे शिक्षा की अलख कितनी भी जला दी जाए। देश मे महिलाओ की सुरक्षा के लिए कितनी भी कानून क्यो ना बना लिए जाए। लेकिन कथित सभ्य समाज मे बेटियो को दहेज के लिए शूली चढाने का सिलसिला नही थम सकता । ऐसा ही एक मामला अम्बिकापुर मे सामने आया है। जंहा एक पिता ने अपनी बेटी के लिए इतना दहेज दे दिया कि ससुराल वालो की महत्वाकांक्षा बहुत बढ गई। और फिर प्रताडना की शिकार बेटी से बहु बनी पूजा ने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली।

अम्बिकापुर के नमनाकला निवासी पूजा साहू की शादी बीते 9 मई को दर्रीपारा के मुकेश साहू से हुई थी। और शादी मे हुए दहेज करार के रुप मे पूजा के पिता बेगू ने शादी के चार पांच महीना पहले चार लाख का माकान , मोटरासाईकिल के साथ गृहस्ति का पूरा समान दहेज के रुप मे दिया था। लेकिन शादी के बाद के बाद माकान ठीक ना बने होने के अलावा और दहेज की मांग लेकर ससुराल मे सास , ससुर और पति पूजा को शारीरिक मानषिक प्रताडना देने लगे। लिहाजा प्रताडना से परेशान पूजा ने बीते दशहरे के दिन शाम तकरीबन आठ बजे अपने ससुराल मे फांसी लगा कर आत्महत्या का प्रयास किया । जिसके बाद पूजा का इलाज 7 दिन तक शहर के एक निजी अस्पताल मे चलता रहा। लेकिन बाद मे बिगडती हालत को देखकर उसे रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल लाया गया। जंहा 22 अक्टूबर को पूजा की मौत हो गई थी।

पूजा की मौत के बाद कार्यापालन दण्डाधिकारी द्वारा शव का पंचनामा कर उसका पोस्टमार्डम कर पूजा का अंतिम संस्कार किया गया । लेकिन दूसरी तरफ अपनी बेटी की खुशी के लिए दहेज के रुप मे घर समेत पूरा सामान दे चुके पूजा के पिता ने बेटी की मौत पर ससुराल वालो पर दहेज हत्या का मामला दर्ज करने की अपील की। और पुलिस के सामने एक शपथ पत्र प्रस्तुत किया। जिसके बाद क्षेत्र की मणिपुर चौकी ने मामले की जांच कर आज मृतका के सांस ,ससुर और पति के खिलाफ दहेज हत्या का मामला पंजीबद्द कर लिया है। और पुलिस ने आरोपियो को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा मे भेज दिया है।

दहेज की बलि चढ चुकी बेकसूर पूजा की मौत के जिम्मेदार सांस,ससुर और पति , तीनो अब भले ही सलाखो के पीछे है। लेकिन पूजा की मौत के बाद महिला परामर्श केन्द्र और दहेज प्रथा के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानो पर भी कई सवाल खडे होते है।