प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा अवैध ईंटो का कारोबार

सरगुजा 

बतौली से निलय 

प्रतिबंध के बावजूद बतौली क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में इन दिनों जगह जगह बनाई जा रही है लाल ईट,इन लाल ईंट के भट्ठे में अवैध कोयले का भी हो रहा है उपयोग। खुलेआम चल रहे इस अवैध कारोबार पर जिम्मेदार अधिकारियों ने आंखें बंद कर ली है,अब तक क्षेत्र में दर्जनों की संख्या में संचालित अवैध ईंट भट्ठों पर एक भी कार्यवाही ना तो खनिज विभाग के द्वारा की गई ना ही स्थानीय अधिकारियों के द्वारा, यही वजह है कि आए दिन क्षेत्र में लाल ईट के अवैध कारोबार का धंधा जोरों से फल-फूल रहा है।वही कई भट्ठों में नाबालिक मजदूर भी कार्य करते हुए नजर आते हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों को इसकी शिकायत भी की पर अब तक जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साध रखे हैं, ईंट बनाने के लिए नदियों से अवैध रूप से रेट का उत्खनन कर भट्ठों में भंडारण किया जाता है।जबकि आए दिन बतौली क्षेत्र में खनिज बिभाग के लोग घूमते हुए नजर आते है, रास्ते में चल रही कुछ गाड़ियों पर चलानी कार्यवाही करते हुए अपना टारगेट पूरा कर लेते हैं पर इन अवैध रुप से संचालित ईट भट्टों पर अब तक खनिज अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी,जबकि कई ईंट भट्टे तो ग्रामीण इलाकों में रहवासी क्षेत्र (बस्ती) के बीचोबीच व कई भट्टे मेन मार्ग किनारे ही संचालित हो रहे हैं फिर भी इन पर किसी जिम्मेदार अधिकारियों की नजर नहीं पड़ती। यही वजह है कि आज इन लाल ईंटों को बनाने के लिए सैकड़ों ट्रैक्टर रेत अवैध रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की नदियों से निकाली जा रही है।

अवैध लाल ईंट के निर्माण पर रोक नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में क्षेत्र के पर्यावरण में काफी प्रदूषण हो सकता है। क्योंकि आए दिन लाल ईट भट्टों की संख्या बढ़ती जा रही है, क्षेत्रीय अधिकारियों को चंद रुपए चटाकर भट्ठे मालिक धड़ल्ले से लाल ईंट भट्टे का निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं कई ईंट भट्ठे तो पंचायत के प्रतिनिधियों के द्वारा भी संचालित किया जा रहा है, यही वजह है कि ग्रामीणों के शिकायत के बावजूद भी इन अवैध तरीके से संचालित भट्टों पर कार्यवाही नहीं होती है।

उमेश पटेल डिप्टी कलेक्टर सह तहसीलदार बतौली

डिप्टी कलेक्टर उमेश पटेल ने इस सम्बन्ध में कहा की मैं स्पष्ट संख्यात्मक तथ्यात्मक तो नहीं बता पाऊंगा पर जो गमला लाल ईट भट्ठे होता है उसमें 10 हजार या 30 हजार सीमा ग्रामीणों को स्वयं उपयोग के लिए बनाने व भट्टा लगाने के लिए दी गई है,ज्यादा जानकारी खनिज वाले ही बता पाएंगे।बाकी कमर्शियल उपयोग के लिए अगर गमला भठ्ठा संचालित किये जा रहे है तो वह अवैध है और अगर अधिक मात्रा में लाल गमला ईंट पाया गया तो निश्चित कार्यवाही होगी।अभी लोक सूराज चलने के कारण ब्यस्तता ज्यादा है जल्द ही संज्ञान में ले कर जांच की जायेगी।