पिता को रिहा कराने 12 साल का बच्चे को मिल रही है दर दर की ठोकर

सूरजपुर

साहब मेरे पिता को छोड दो,,  ये गुहार एक मासूम की है। जो अपने पिता को छुडाने कई मर्तबा तहसीलदार की चौखट मे माथा टेक चुका है। तो कलेक्टर के पास भी विनती कर चुका है।  12 साल के आनंद राम ने कभी सपने मे भी नही सोचा होगा कि उसे ये दिन देखना पडेगा। प्रसाषन की मनमानी से परेशान यह बालक अपने पिता को छुडाने के लिये दर दर की ठोकर खा रहा है ।और प्रसाशन मे बैठे लोग इस बालक की फरियाज सुनने की बजाय अनसुना कर रहे है।
भैयाथन विकासखंड के करौटी गांव के रहने वाला 12 साल का आनंद राम अपने पिता को जेल से रिहा कराने के लिये दर दर की ठोकर खा रहा है । पिछले 16 दिनो से भैयाथान तहसील कार्यालय जाकर तहसीलदार के सामने अपने पिता को रिहा करने के लिये गुहार लगाते मासूम को हरबार डांट डपट कर कार्यालय से भगा दिया जाता है । जबकि वह अपने साथ अपने पिता को छुडाने के लिये आवष्यक दस्तावेज भी तहसीलदार के सामने बार बार पेश कर रहा है। लेकिन न्याय की जगह उसे डाट फटकार कर जलील किया जा रहा है । सूरजपुर कलेक्टर से लिखित षिकायत करने के बावजुद उसे अब तक किसी तरह का कोई राहत नसीब नही मिली । हालाकि जिले के कलेक्टर ने उसके आवेदन पर आवष्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने पर रिहा करने की टीप जरुर लिखी थी ।  पर ना जाने क्यो तहसीलदार कलेक्टर के भी आदेश को नजरअंदाज कर रहे है । आलय ये है कि पिता को छु़डाने की लाचारी मे गरीब परिवार ना जाने कितने पैसे फूंक चुका है।unnamed (19)

unnamed (20)क्या है मामला

करौटी गांव के रहने वाला षिव प्रसाद जो पिछले 16 दिनो से जेल की सलाखो के पिछे कैद मे है,उसका कसुर यह है कि अपने घर के सामने सरकारी जमीन मे मक्का लगा दिया था, जिसकी षिकायत गांव के कुछ कथित लोगो ने जाकर की और उसे 151 के तहत गिरफतार करके दिनांक 04,09,2014 को जेल भेज दिया गया,उसकी रिहाई के लिये इस अबोध बालक ने किसी तरह सक्षम न्यायलय मे पेष किया पर उसे न्याय की जगह पर दुक्कार ही मिला, उसे डाट डपटकर कल आना परसो आना कहकर परेषान किया जा रहा है। पर बात यही पर खत्म नही हुई 12 वर्षीय बालक ने कलेक्टर को दिये लिखित ज्ञापन मे बताया कि उसे भैयाथान के तहसीलदार ने उसके पिता को नही छोडने की बात कहकर यह बात कहते है कि तुम्हारे पिता को गृहमंत्री ने बंद कराये है उनका आदेष है नही छोडुगा जिसके पास जाना है जाओ जब मंत्री साहब का आदेष होगा तभी छोडुगां,यह कहकर तहसील कार्यालय से डाटकर भगा दिया जाता है तहसीलदार महोदय उनका कागजात फेक देते है।

क्या कहते है जिले के कलेक्टर

इस संबंध मे जिले के कलेक्टर से बात करने पर पता चला कि पिडित को यंहा से आष्वासन के अलावा कुछ नही मिला । इस मामले पर पूछने पर कलेक्टर ने यह कहते हुए पलडा छाड लिया कि तहसीलदार से बात करुंगा।

 

क्या कहते है तहसीलदार महोदय

इस संबंध मे तहसीलदार महोदय ने कहा उचिक कागज पेश करने पर तत्काल छोड दिया जाएगा। लेकिन इन्ही साहब की वजह से पढने लिखने की उम्र मे बच्चा कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहा है।

नेताजी को मिली नसीहत

इस दौरान एक स्थानिय नेताजी का सामना इन लोगो से हो गया नेताजी ने नसीहत दी कि मंत्रीजी के कदमो गिर जाओ वही तुम्हारा कल्याण करेगे,,तभी तुम्हारे पिताजी को रिहाई मिल जायेगी,,उस बच्चे ने नेताजी से दो टुक साफ जवाब देते हुये कहा कि जिसके इसारे से हमे ये दिन देखने पड रहे है उनकी कृपा से ये सब हो रहे है क्यो जाये नही जायेगे।
इस पूरे घटनाक्रम मे एक बात तो साफ है कि यहा पर प्रषासनिक  व्यवस्था अंधेर नगरी और प्रशासनिक अधिकारी चौपट राजा की तरह बर्ताव कर रहे है। लेकिन सुना है इसी जिले के एक मंत्री गृह मंत्रालय संभाल रहे है। लेकिन शायद इस मासूम की आवाज वंहा तक पंहुची ही नही होगी।