पंडो जनजाति की दर्द भरी कहानी..सड़क, पानी, बिजली की समस्या से जूझता “पंडो”

सूरजपुर 

भैयाथान से संदीप पाल 

राष्ट्पति के दस्तक पुत्र कहे जाने वाल पण्डो जनजाति के विकास के लिए प्रति वर्ष केंद्र व राज्य शासन से पण्डो विकास अभिकरण समेत विशेष केंद्रित सहायता मद के माध्यम से कार्य योजना बनाकर उनके लिए शासन द्वारा करोड़ो रुपये आवंटित किया जाता है। साथ ही प्रति वर्ष पण्डो जनजाति के उत्थान व विकास हेतु सूरजपुर जिले में 12 वर्षो से परियोजना प्रसाशन के कार्यलय का संचालन हो रहा है। लेकिन दिया तले अंधियारा की कहावत की तर्ज पर सूरजपुर जिले के भैयाथान विकास खण्ड के ग्राम पंचायत बैजनाथपुर के आश्रित ग्राम रजनी के पण्डो बस्ती में रहने वाले पण्डो जनजाति के लोग बुनियादी सुविधाओ समेत विकास की रफ़्तार अभी तक नही पहुच पाई है।

यहा पण्डो जनजाति के 40 परिवार निवासरत है, जहा लगभग 250 की जनसंख्या में आदिवासी पण्डो परिवार है, यहा पेयजल सविधा के नाम पर 2 हैण्डपम्प और एक सौर ऊर्जा के बोर है, लेकिन वह भी खनन के बाद से 6 महीनो से खराब है, यहा की प्रमुख समस्या पेयजल, रोड, स्कूल, चिकित्सा है और शासन के कई महत्व पूर्ण योजना से वंचित है। ग्रामीणों के अनुसार यहा जिला स्तर या विकासखण्ड के आला अधिकारी आज तक नही पहुचा है। जबकि यह ग्राम ब्लाक मुख्यालय से महज 14 किमी की दुरी पर स्थित है। ग्राम रजनी में 250 की जनसंख्या में महज दो हैण्डपम्प ही खनन कराया गया है। उसमे से एक सौर ऊर्जा से संचालित एक बोर है, वह भी 6 महीनो से खराब पड़ा है और एक नल वहा से एक किमी पर है वह भी  थोडा ही  निकलता है। नल नही होने के कारण पण्डो जनजाति के लोग नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाते है।

इस ग्राम में जब ग्रामीणों की सूचना पर हमने दौरा किया तो उबड़ खाबड़ राष्तों को पार कर रजनी पंहुचे तो ग्रामीणों ने बताया की यह रोड वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जिसे वन विभाग द्वारा 10 वर्ष पुर्व बनाया गया था रोड में मुरूम गिट्टी डाल कर छोड़ दिया गया और बरसात में यह रोड कई जगहों से बह गया है और कई जगह गड्ढे होने के कारण आने जाने में परेशानी होती है  गिट्टी ऊपर आ जाने से हर रोज मुशीबत का सामना करना पड़ता है। यहा 10 साल से रोड नही बना है। और उबड़ खाबड़ राश्ते पर हम लोग चल रहे है। जब राश्ते में रजनी जाते वक्त कुछ बच्चे दिखे तो उनसे पूछा गया की स्कूल नही है क्या यहा तो सीमा,सावित्री ,राधिका, शीला,अदि बच्चों ने बताया की यहा 5 वी तक ही स्कूल है।और 8,10,12 की पढ़ाई के लिए हमे 4 किमी पैदल बैजनाथपुर जाते है। और हमे आज तक स्कूल से कोई सायकल भी नही मिली है। इस लिए हम लोग पैदल ही आना जाना रोज करते है।

इस ग्राम के ग्रामीण पातर साय पण्डो, जयमगल पण्डो, सुमित्रा पण्डो, रुक्मडी पण्डो, फुलमति पण्डो, ने बताया की सरकार की उज्वला योजना, प्रधान मंत्री आवास योजना, डिजिटल योजना और सरकार के विभिन योजना का हमे आज तक कोई जानकारी नही है की ये सब योजना हमारे लिए है। वही आगे कहा की हमारी जीविका पार्जन का जरिया सिर्फ वन ,सरई पत्ता,महुआ, और लकड़ी,के अलावा मनरेंगा का काम है जो चालू ही नही होता है तो हम पैसे के लिए मोहताज हो जाते है जब  काम चालू होता है तो कुछ पैसा मिल जाता है इसके अलावा कोई साधन नही है अगर काम नही मिलता तो भूख मरी होने लगती है और लकड़ी ही एक मात्र साधन बच जाता है हमारे लिए कुल मिलाकर वन ही हमारी जिंदगी है।

इस ग्राम में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल है , यहा ग्राम में एक भी स्वास्थ कार्यकर्ता नही है और ना ही अस्प्ताल जब इनकी तबियत खराब होती है तो यहा रोड नही होने के कारण सरकार की महतारी एक्सप्रेस ,108 जैसे वाहन भी नही आ पाते है। इस लिए इनको 4 किमी खाट पर ही रास्ते तक ले के जाया जाता है। तब कही जाकर 108 महतारी वाहन मिलता है और अस्प्ताल लाया जाता है। वही दिव्यांग रामचरण पण्डो 55 वर्ष जो पूरी तरह से विकलांग है और वह कही चल फिर नही पाता है। उसको शासन से मिलने वाला चावल, पेंशन, भी 6 महीनो से नही मिला है। रामचरण बताता है की मै पूरी तरह से विकलांग हु इस कारण कहि आ जा नही सकता हु और मेरा 6 महीनो से ना तो चावल मिला है और ना ही पेंशन इनका कहना है। की जल्द से जल्द पेंशन  चावल मिल जाता तो मै इलाज करा  पाता।

राशन के लिये 4 किमी सफर

रामचन्दर पण्डो ने बताया की हम लोगो को जनवरी माह का चावल नही मिला है।जब चावल लेने गए तो बोला गया की तुमलोग का चावल नही आया है तो हमलोग वापस आ गए वही राशन दुकान का संचालन समूह के द्वारा किया जाता है। ग्रामीणों ने बताया की हम लोगो को शक्कर ,चना, मिटटी तेल भी नही दिया जाता है। जबकि कई ग्रामो में प्रति माह चावल दिया जाता है। ग्रामीणों ने इसकी जाँच की मांग करते हुए हर माह का चावल ,मिटटी तेल,शक्कर,चना,देने की मांग की है। इसके अलावा राशन के लिए 4 किमी की दुरी तय कर के उचित मूल्य दुकान बैजनाथपुर जाना पड़ता है फिर भी राशन नही दिया जाता है।

इस सम्बन्ध में भैयाथान के मुख्यकार्यपालन अधिकारी नृपेंद्र सिंह का कहना है की रजनी की मेरे को जानकारी नही थी आपके द्वारा जानकारी मिल रही है। मै वहा विशेषकर नल की बन्दोबस्त की जायेगी  और उनको शासन की सभी योजना का लाभ दिया जायेगा ।राशन अगर नही दिया गया है तो जाँच कर समुह के ऊपर कार्यवाई की जायेगी और पेंशन की राशी हितग्राही के खाते में डाल दी जाती है और अगर नही दिया गया है, तो जाँच कर कार्यवाई की जायेगी