निगम में वेटिंग चेयर घोटाला : निमग प्रबंधन के भ्रष्टाचार का खुलासा

अम्बिकापुर 4/6/2015 11:13 PM (77)

  • भ्रष्टाचार मे लिप्त नगर निगम प्रबंधन की एक और करतूत 
  • स्पालयर से सांट गांठ कर किया चेयर घोटाला 
  • बाजार भाव से अधिक दाम मे खरीदी घटिया कुर्सियां
  • कम वेटिंग चेयर खरीद कर अधिक भुगतान का हुआ खुलासा

 

डस्टबीन,स्ट्रीट लाईट और सफाई यंत्र में घोटाला के बाद अब निगम मे कुर्सी घोटाला का खुलासा हुआ है। घोटला निगम द्वारा प्रतिक्षा बस स्टैंड के लिए खरीदी गई कुर्सी मे हुआ है,,लेकिन इसका खामियाजा बस की प्रतिक्षा करने वाले यात्रियो को उठाना पड रहा है। फिलहाल मामले की शिकायत सरगुजा संभाग आयुक्त ,कलेक्टर और मुख्यमंत्री से कर दी गई है।

4/6/2015 11:13 PM (68)तो आपने सुना अम्बिकापुर मे काफी प्रतिक्षा के बाद बने प्रतिक्षा बस स्टैंड की कुर्सियां गायब हो गई है। और यात्रियो को हफ्तो मे साफ होने वाले बस स्टैंड के फर्श मे बैठना पड रहा है। दरअसल ये कुर्सियां किसी ने चोरी नही कि है,, बल्कि दो वर्षो मे ही ये घटिया कुर्सी भ्रष्टाचार कर खरीदी की भेंट चढ गई है। दरअसल निगम द्वारा निर्मित इस प्रतिक्षा बस स्टैंड मे दो वर्ष पूर्व 25 वेटिंग चेयर की खरीदी का वर्क आर्डर और 10 हजार प्रति कुर्सी की कीमत से 2 लाख 36 हजार का भुगतान शहर के सत्या इंटरप्राईजेज को दिया गया था। लेकिन मौके के हालात ये बताते है कि बस स्टैंड मे मजह 11 वेटिंग चेयर ही लगाई गई थी,, जो घटिया होने के कारण बस स्टैंड के कबाड खाने मे पडी है।

इतना ही नही आरटीआई डी.के.सोनी कार्यकर्ता को निगम ने सूचना के अधिकार के तहत जो दस्तावेज दिए है,, उसमे निमग ने शहर के सत्या इंटरप्राईजेज से प्रत्येक वेटिंग चेयर4/6/2015 11:13 PM (54) तकरीबन 10 हजार रुपए में खरीदी की है,, जबकि उसी सत्या इंटरप्राईजेज ने एक दूसरी संस्था को एयरपोर्ट क्वालिटी की सबसे मंहगी चेयर की कीमत साढे 6 हजार बताई है,, इतना ही नही इसी तरह की वेटिंग चेयर की कीमत एक दूसरे दुकानदार ने अपने स्टीमेट मे 5100 रुपए बताई है,, मतलब एक तरफ तो लाखो का भ्रष्टाचार तो दूसरी तरफ यात्री सुविधा के साथ खिलवाड ,, लिहाजा आरटीआई कार्यकर्ता ने मामले की शिकायत ,मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, सरगुजा कलेक्टर और सरगुजा संभाग आयुक्त से की है,, जिसके बाद उपायुक्त ने मामले गंभीरता और जनसुविधा को देखते हुए शिकायत पर जांच के आदेश दे दिए है।

अम्बिकापुर नगर निगम तो नागरिक सुविधा के नाम पर भ्रष्टाचार करने के लिए दर्जनो बार सुर्खियां बटोर चुका है,, लेकिन यात्री सुविधा के नाम पर भ्रष्टाचार का ये पहला मामला उजागर हुआ है। बहरहाल 60 का सामान 100 मे खरीद कर भ्रष्टाचार करने वाले निगम अधिकारियो की एक बार फिर शिकायत उच्चाधिकारियो से हो चुकी है,,, लेकिन देखना है कि शिकायत पर कार्यवाही होती है,, या इस खुलासे की आड में फिर से नई वेटिंग चेयर खरीदी कर भ्रष्टाचार की नई कहानी रची जाती है।